MATHURA (4 Jan.): प्रदूषण नियंत्रण को लेकर शासन ने प्रशासन को कड़े कदम उठाने को कहा है। वायु प्रदूषण फैलाने वाहनों का पंजीयन निलंबित करने के निर्देश दिए हैं। निर्माण स्थल पर धूल उड़ने पर कार्यदायी एजेंसी के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है।

वाहनों की संख्या में हो रही निरंतर हो रही बढ़ोत्तरी, निर्माण और औद्योगीकरण के कारण पर्यावरण में वायु प्रदूषण 'पार्टिकुलेट मैटर' (पी.एम-10) के स्तर में काफी वृद्धि हुई है। जिसका दुष्प्रभाव सीधे जनस्वास्थ्य पर पड़ रहा है। इस समस्या को देखते हुए मुख्य सचिव आलोक रंजन ने प्रदेश भर में प्रशासन को भेजे पत्र में निर्देश दिए हैं कि परिवहन, पुलिस और पर्यावरण के अधिकारियों की एक संयुक्त टीम गठित कर ऐसे वाहनों के विरुद्ध सघन अभियान चलाया जाए। प्रदूषणकारी वाहनों का पंजीयन निलंबित कर दिया जाए। वाहनों के प्रदूषण की जांच के लिए निजी क्षेत्र के जगह-जगह प्रदूषण जांच केंद्र स्थापित हैं। मुख्य सचिव ने इनकी गुणवत्ता की भी जांच करने को कहा है। शहरी क्षेत्र में जगह-जगह निर्माण कार्य चल रहे हैं। निर्देश दिए गए हैं कि देखा जाए कि यहां पर अनावश्यक रूप से वातावरण में धूल न उड़े। शहरी क्षेत्र में कूड़ा-करकट न जलाए जाने को कहा गया है।

ये है पीएम-10 और

इससे नुकसान

हवा में 'पार्टिकुलेट मैटर'(पीएम) पाए जाते हैं। यह हवा में ठोस अथवा तरल के रूप में मौजूद अति सूक्ष्म कण होते हैं। जिनका व्यास 2.5 माइक्रोमीटर से कम होता है, उन्हें पीएम-2.5 कहा जाता है और जिनका व्यास 10 माइक्रोमीटर से कम होता है, उन्हें पीएम-10 कहा जाता है। पीएम-2.5 का स्तर 60 से अधिक होने और पीएम-10 का स्तर 100 से अधिक होने पर इनसे स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचता है। पीएम-10 कणों में मौजूद कार्बन मोनो ऑक्साइड, कार्बन डाई ऑक्साइड, लेड आदि हवा में घुले होते हैं। इन तत्वों की मौजूदगी से पीएम-10 बेहद जहरीला हो जाता है। ये सूक्ष्म कण सांस के साथ हमारे फेफड़ों में पहुंचते हैं। वाहनों द्वारा प्रदूषण करने पर पंजीकरण निरस्त करने की कार्रवाई तो कर दी जाएगी, लेकिन सरकार को व्यवहारिक परेशानी भी समझनी चाहिए। जनपद में वाहनों की प्रदूषण जांच मशीन एक या दो ही हैँ। मशीन खराब हो जाती है तो फिर वाहनों के प्रदूषण की जांच नहीं हो पाती है, चे¨कग के दौरान वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। दो पहिया और चार पहिया वाहनों के प्रदूषण कराने के लिच् वाहन स्वामी अच्छी खासी संख्या में आते हैं। वाहन प्रदूषण चे¨कग मशीन जगह-जगह लगवाने की व्यवस्था होनी चाहिए। पंजाबी पेच स्थित रतनचंद एंड संस के मैनेजर ललित किशोर शर्मा बताते हैं कि जनपद में एक-दो ही प्रदूषण जांच मशीन हैं। वाहनों की चे¨कग नियमानुसार की जाती है। आरसी न होने पर वाहनों के प्रदूषण की जांच नहीं की जाती है।