RANCHI:प्राइवेट स्कूलों की मनमानी फीस वसूली पर रोक लगाने के लिए राज्य सरकार सख्त कानून बनाने जा रही है। सोमवार को शिक्षा मंत्री डॉ नीरा यादव ने झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण (जेट) के अध्यक्ष मुख्त्यार सिंह व विभाग के उपनिदेशक स्तर के पदाधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने फीस रेगुलेट्री एक्ट का ड्राफ्ट तैयार करने की जिम्मेदारी जेट के अध्यक्ष को सौंपी है, जिसे ख्भ् मार्च तक हर हाल में पूरा करने का निर्देश दिया है।

तमिलनाडु की तर्ज पर कानून

जेट अध्यक्ष ने तमिलनाडु में इस तरह के कानून लागू होने की जानकारी दी। इस पर मंत्री ने तमिलनाडु में लागू कानून तथा डा। आनंद भूषण कमिटी द्वारा तैयार ड्राफ्ट दोनों का अध्ययन कर बेहतर ड्राफ्ट तैयार करने तथा इस पर विधि विभाग से राय लेने का निर्देश दिया है।

पहले भी ड्राफ्ट बने, पर अमल नहीं

मंत्री की बैठक में यह बात सामने आई कि इससे पहले भी प्राइवेट स्कूलों पर नकेल कसने को लेकर कानून का ड्राफ्ट तैयार किया गया। राज्य सरकार के निर्देश पर झारखंड एकेडमिक काउंसिल के तत्कालीन अध्यक्ष डा। आनंद भूषण की अध्यक्षता में गठित समिति ने यह ड्राफ्ट तैयार कर राज्य सरकार को सौंपा भी था, लेकिन इसपर आगे कुछ काम नहीं हुआ।

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ड्राफ्ट में क्या-क्या हो सकता है

-प्राइवेट स्कूलों में हर एकेडमिक सेशन में पेरेंट्स व टीचर एसोसिएशन बनेगा।

-फीस कलेक्शन व कंट्रोल के लिए भी अलग समिति बनेगी, जो स्कूल की उपलब्धियों के आधार पर फीस तय करेगी। अधिक वसूली की शिकायतें सुनेगी।

- जिला स्तर पर गठित होनेवाली इन समितियों के अध्यक्ष उपायुक्त तथा सदस्य सचिव जिला शिक्षा पदाधिकारी होंगे।

-किसी वाद के निराकरण के लिए राज्य स्तर पर प्राथमिक शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता में अलग समिति होगी।

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