- रूम हीटर और वार्मर कहीं आपको न कर दें बीमार

- बढ़ रहे अस्थमा के मरीज, बच्चों की सेहत पर भी असर

बरेली : भीषण ठंड का प्रकोप चल रहा है ऐसे में लोग ठंड से बचने के लिए रूम हीटर, वार्मर और ब्लोअर का यूज कर रहे हैं लेकिन इनका ज्यादा यूज जानलेवा भी हो सकता है। ऐसा ही एक मामला नेपाल में सामने आया। केरल से नेपाल घूमने गए 15 पर्यटकों में से आठ की मौत हो गई। वजह थी कि वह होटल के एक कमरे में रूम हीटर ऑन करके सो रहे थे और खिड़की-दरवाजे भी बंद कर लिए थे। अगले दिन उन्हें बेहोशी की हालत में हॉस्पिटल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। मौत की वजह रूम हीटर से निकलने वाली जहरीली गैस को माना जा रहा है।

बेहतर है ऑयल वाला हीटर

एक्सपर्ट की माने तो गर्म हवा फेंकने वाले रुम हीटर से ऑयली हीट वाला ब्लोअर ज्यादा बेहतर है। इससे रूम में नमी कम नहीं होता है, जो कि सेहत पर गंभीर असर नहीं डालता है।

निकलती है घातक गैस

रूम हीटर समेत अन्य वार्मर से कार्बन मोनो ऑक्साइड गैस निकलती है जो कि ब्रेन और स्किन समेत अन्य कई बीमारियों की चपेट में ला सकती है।

अस्थमा से पीडि़त हो रहे लोग

2018 में इतने मिले पेशेंट्स

-320 पेशेंट चेस्ट डिसीज के थे

-530 पेशेंट ऐसे थे जिनको सांस लेने में प्रॉब्लम हो रही थी

- 423 पेशेंट अस्थमा के मिले थे

2019 में इतने मिले पेशेंट्स

-350 पेशेंट चेस्ट पेन की प्रॉब्लम के

-320 पेशेंट सांस लेने मे तकलीफ के

-120 पेशेंट अस्थमा के मिले

बच्चों के लिए ज्यादा रिस्क

बड़ों की तुलना में बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। लगातार रूम हीटर के संपर्क में आने से बच्चों को स्किन और सांस की बीमारी का खतरा बढ़ता है।

कैसे करें बचाव

- लगातार हीटर का यूज न करें

- बच्चों की पहुंच से दूर रखें

- जब हीटर का यूज न हो तो इसे बंद कर दें

- हीटर चलाते समय दरवाजे खिड़कियां बंद न रखें

डॉक्टरों की बात

लगातार हीटर का प्रयोग करने पर कमरे की हवा ड्राई हो जाती है। वही यह कमरे में मौजूद नमी भी कंज्यूम करता है। इससे सांस लेने में दिक्कत होती है और अस्थमा होने की संभावनाएं बढ़ जाती है। बच्चों की स्किन भी ड्राई हो जाती है

डॉ। रवि खन्ना, पीडियाट्रिशियन

पिछले दो सालों से अस्थमा के पेशेंट्स की संख्या में इजाफा हुआ है। वही ठंड के मरीजों की तादाद ज्यादा बढ़ जाती है। इसकी मेन वजह यह है कि लोग लगातार रूम हीटर के संपर्क में रहते हैं इससे निकलने वाली गैस से सांस संबंधी बीमारियां होने की संभावना ज्यादा रहती है।

डॉ। वागीश वैश्य, वरिष्ठ फिजीशियन