नई दिल्ली (पीटीआई)। अपने डिजिटल बिजनेस के विस्तार लिए फेसबुक और इंटेल से अरबों डाॅलर का निवेश हासिल करने के बाद रिलायंस ने Jio मीट वीडियो कांफ्रेंसिंग एप लांच किया है। अरब पति मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस ने इस एप के जरिए अनलिमिटेड फ्री काॅलिंग की सुविधा दे रही है। माना जा रहा है कि जियो मीट की मेन टक्कर जूम से होने वाली है। जियो मीट कांफ्रेंसिंग एप बीटा टेस्टिंग के बाद सभी प्लेटफार्म जैसे एंड्रायड, आईओएस, विंडोस, मैकओएस और वेब पर बृहस्पतिवार शाम से उपलब्ध हो गई है।

24 घंटे तक कर सकते हैं फ्री काॅल

कंपनी की वेबसाइट के अनुसार, जियो मीट एचडी ऑडियो और वीडियो काॅल क्वालिटी सपोर्ट करेगा। इससे एकसाथ 100 पार्टिसिपेंट जुड़ सकते हैं। इसमें स्क्रीन शेयरिंग, मीटिंग शेड्यूल सहित अन्य फीचर हैं। जूम की तरह जियो मीट में 40 मिनट की टाइम लिमिट नहीं है। कंपनी का कहना है कि काॅल 24 घंटे तक जारी रह सकती है। सभी मीटिंग एन्क्रिप्टेड और पासवर्ड प्रोटेक्टेड होगी। जूम में 40 मिनट से ज्यादा काॅल के लिए 15 डाॅलर प्रति महीने चार्ज लगता है और यह सुविधा एक साल के लिए चाहिए तो 180 डाॅलर प्रति वर्ष पेमेंट करना पड़ता है। जियो मीट यही सुविधा निशुल्क उपलब्ध दे रहा है।

मोबाइल नंबर से भी करें साइन इन

कंपनी के सूत्र ने बताया कि जूम से तुलना की जाए तो साल में एक यूजर के 13,500 रुपये की बचत होगी। गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध जियो मीट डाउनलोड करने के बाद आप मोबाइल नंबर और ई-मेल आईडी से साइन इन करके तुरंत मीटिंग शुरू कर सकते हैं। इसमें एचडी ऑडियो और वीडियो क्वाॅलिटी की सुविधा मिलेगी और कोई भी यूजर एडवांस मीटिंग का शेड्यूल करके इनवाइट शेयर कर सकता है। जियो मीट पर बिना किसी बाधा क प्रति दिन 24 घंटे तक अनलिमिटेड मीटिंग करने की सुविधा है। हर मीटिंग पासवर्ड प्रोटेक्टेड होगी। होस्ट चाहे तो 'वेटिंग रूम' इनेबल कर सकता ताकि बिना परमिशन कोई मीटिंग में शामिल न हो सके।

1.17 लाख करोड़ रुपये की पूंजी

जियो मीट में सिंगल क्लिक में ग्रुप बना सकते हैं और काॅल या चैट किया जा सकता है। वाहन चालकों के लिए इसमें सेफ ड्राइविंग मोड, पांच डिवाइस तक मल्टी डिवाइस लाॅगिन सपोर्ट, काॅल के दौरान बिना बाधा एक डिवाइस से दूसरे डिवास में स्विच किया जा सकता है। गूगल प्ले स्टोर और आईओएस में 5 लाख से ज्यादा डाउनलोड हो चुके हैं। ध्यान रहे कि सरकार ने टिकटाॅक जैसे पाॅपुलर एप सहित 59 चीनी एप्लीकेशन को राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बैन कर दिया था। रिलायंस ने जियो प्लेटफार्म की हिस्सेदारी फेसबुक से लेकर इंटेल तक 11 निवेशकों को बेचकर अब तक 1.17 लाख करोड़ रुपये की पूंजी हासिल की है।

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