- 9 लाख उपभोक्ता लेसा क्षेत्र में

- 20 से 25 प्रतिशत कंप्लेंट गलत रीडिंग से जुड़ी

- 10 प्रतिशत का ही हो पाता बिल सही

- 7 दिन बाद नई व्यवस्था होगी शुरू

- ट्रस्टेड बिलिंग कांसेप्ट से लाखों उपभोक्ताओं को मिलेगी राहत

- सात दिन के अंदर नई व्यवस्था होगी शुरू, एमडी खुद कर रहे निगरानी

abhishekmishra@inext.co.in

LUCKNOW: अरे इस महीने तो घर में कम बिजली जलाई, लेकिन फिर से अधिक बिल आ गया। लगता है मीटर रीडर गलत रीडिंग लेकर गया, जिसकी वजह से ही बिल गलत आया है। अब फिर से बिल सही कराने के लिए उपकेंद्र के चक्कर काटने पड़ेंगे। अमूमन यह तस्वीर हर महीने हजारों उपभोक्ताओं के घरों में सामने आती है, लेकिन बस सात दिन के बाद पूरी स्थिति बदलने जा रही है। कोई भी उपभोक्ता महज अपने मीटर की रीडिंग देखकर ऑनलाइन बिल जेनरेट करवा सकेगा। जिससे साफ है कि उपभोक्ता के पास किसी भी सूरत में गलत बिजली का बिल नहीं पहुंचेगा।

बस डालनी होगी रीडिंग

मध्यांचल प्रशासन की ओर से उपभोक्ताओं को सुविधा देने के लिए ऑनलाइन सिस्टम पर वर्क किया जा रहा है। इस सिस्टम के तहत उपभोक्ता अपनी मीटर रीडिंग डालकर देख सकेगा कि उसका बिल कितना आया है। इतना ही नहीं, वह ऑनलाइन माध्यम से बिल जमा भी करा सकेगा। इससे साफ है कि उसे विद्युत उपकेंद्र के जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

एप से भी सुविधा

मध्यांचल प्रशासन की ओर से उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए एप भी लांच करने की तैयारी हो रही है। इस एप की मदद से भी उपभोक्ता अपनी रीडिंग की मदद से बिल जेनरेट करवा सकेगा। इससे उपभोक्ताओं के मन में बिजली बिल को लेकर कोई संशय नहीं रहेगा।

सात दिन में असर

मध्यांचल प्रशासन की ओर से सात दिन के अंदर नई व्यवस्था को उपभोक्ताओं तक पहुंचाने की कवायद हो रही है। यह सुविधा जल्द से जल्द शुरू हो सके, इसके लिए मध्यांचल एमडी खुद मॉनीटरिंग कर रहे हैं। हर एक उपभोक्ता के डाटा को भी अपडेट किया जा रहा है, जिसमें प्रमुख रूप से उपभोक्ता का मोबाइल नंबर भी शामिल है।

ऑनलाइन व्यवस्था हुई शुरू

एप के आने से पहले ही ऑनलाइन व्यवस्था शुरू कर दी गई है। कोई भी उपभोक्ता यूपीपीसीएल की वेबसाइट में जाकर रीडिंग के आधार पर बिल जेनरेट कराने की सुविधा ले सकता है। वहीं सात से दस दिन के बाद वह मोबाइल के माध्यम से बिल जेनरेट करवा सकेगा। इस व्यवस्था के शुरू होने से अब मीटर रीडर भी उपभोक्ताओं को टेंशन नहीं दे सकेंगे।

बिल संशोधन की भी सुविधा

बिल जेनरेट होने के बाद अगर उपभोक्ता को लगता है कि रीडिंग के अनुरूप उसका बिजली बिल सही नहीं है तो नई व्यवस्था के अंतर्गत वह आवेदन करके अपना बिजली बिल भी तुरंत सही करवा सकेगा। जिससे उपभोक्ता को बिजली अधिकारी के चक्कर काटने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

वर्जन

बिजली उपभोक्ताओं को बेहतर सुविधा देने के लिए ही ट्रस्टेड बिलिंग कांसेप्ट पर काम किया जा रहा है। उपभोक्ता को बस एप या ऑनलाइन सिस्टम में अपने मीटर की रीडिंग को फीड करना होगा, जिसके बाद बिल जेनरेट हो जाएगा।

सूर्यपाल गंगवार, एमडी, मध्यांचल डिस्कॉम