आगरा। भूकंप पीडि़तों के लिए भेजी गई राहत सामग्री को गोरखपुर मंडी में प्रशासन ने बेच दिया। मामला खुला तो हड़कंप मच गया। आगरा मंडी से राहत सामग्री लेकर तीन ट्रक गोरखपुर के लिए रवाना हुए। दो ट्रकों में 21 टन आलू व तीसरे में अन्य खाद्य सामग्री लदी थी।

आपदा पीडि़तों के लिए थी सामग्री

सारी सामग्री नेपाल में भूकंप पीडि़तों की मदद के लिए भेजी जानी थी, लेकिन मंडी सचिव ने ट्रक संख्या आरजे05 जे3220 पर लदा 15 टन आलू एक व्यापारी को बेच दिया। जब इस मुद्दे पर उनसे सवाल किया गया तो उन्होंने बताया कि आगरा मंडी प्रशासन के पास ट्रक को नेपाल भेजने का भाड़ा नहीं था, इसलिए आलू बेचा गया।

सीडीओ ने किया हस्तक्षेप

हालांकि सचिव ने किसी अधिकारी से पूछे बिना ही राहत सामग्री का आलू बेच दिया जिसको लेकर बवाल मच गया है। जानकारी पाकर पहुंचे सीडीओ कुमार प्रशांत के हस्तक्षेप के बाद मंडी प्रशासन ने आलू को वापस करवाया।

राहत की छवि मटियामेट

गोरखपुर मंडी प्रशासन की इस कारगुजारी ने राहत कार्यो में बनी अच्छी छवि मटियामेट कर दी है। भूकंप पीडि़तों के लिए एक ओर जहां पूरा प्रशासनिक अमला मुस्तैदी के साथ लगा हुआ है, वहीं मंडी प्रशासन की इस संवेदनहीनता ने गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। डीएमै साहब एक बार जरा इस पर भी नजर डाल लेते तो खेल समझ में आ जाता।

राहत या राहत के नाम पर मजाक!

नेपाल और भारत के कई हिस्सों में आए भूकंप से तबाही मची है। ऐसे में राहत पहुंचाने को पूरा देश एकजुट हो गया। सभी जगहों से राहत सामग्री गोरखपुर पहुंच रही है, यहां से ये सामग्री नेपाल भेजी जा रही है।

इस खबर के बारे में आगरा प्रशासन को बताया गया तो हड़कंप मच गया। अब देखना होगा कि क्या इस पर कोई एक्शन होता है?

कहां भेजें राहत सामग्री, 'गॉड नोस'

नेपाल भूकंप त्रासदी के पीडि़तों को राहत सामग्री उपल?ध कराने के लिए गोरखपुर के कमिश्नर राकेश कुमार ओझा को नोडल अफसर बनाया गया है। जो राहत सामग्री ट्रक्स गुरुवार को आगरा से भेजे गए है उन्हें भेजने से पहले आगरा के एडीएम फाइनेंस राजकुमार ने कमिश्नर गोरखपुर से फोन कर ये पूछा कि राहत सामग्री को कहां रिसीव कराना है, तो इस पर उन्होंने कहा कि आप इस बारे में डीएम गोरखपुर रंजन कुमार से बात करें। इसके बाद एडीएम फाइनेंस द्वारा डीएम गोरखपुर से बात की, तो उनका जबाव था कि आप आगरा से राहत सामग्री को नेपाल काठमांडू तक भेजने की व्यवस्था कर ही गोरखपुर भेजें। साफ है कि किसी को नहींपता कि नेपाल में राहत सामग्री कैसे पहुंचेगी।

मंडी सचिव सुभाष यादव से जब राहत सामग्री बेचने को लेकर सवाल जवाब किए गए तो उन्होंने क्या कहा-

सवाल- आलू कहां से भेजा गया था?

जवाब- आगरा मंडी समिति की तरफ से।

सवाल- कहां जाना था?

जवाब- नेपाल में भूकंप पीडि़तों के लिए आलू भेजा जाना था।

सवाल- फिर मंडी में आलू क्यों बेच रहे हैं?

जवाब- राहत सामग्री नेपाल भेजने के लिए किराया नहीं था, इसलिए एक ट्रक आलू बेचकर किराया जुटाया जा रहा है।

सवाल- क्या जिम्मेदार अधिकारियों से इस बारे में बात हुई?

जवाब- नहीं, इसे लेकर किसी अफसर से बात नहीं हुई।

सवाल- आपसे आलू बेचने के लिए किसने कहा?

जवाब- आगरा मंडी सचिव से बात हुई थी, उन्होंने आलू बेचकर राहत सामग्री भेजने के लिए कहा था।