गोरखपुर (अनुराग पांडेय)। ट्विटर पर अमिताभ बच्चन ने इस दुखद खबर को सबसे पहले शेयर किया। 70 के दशक से शुरू हुआ इस चॉकलेटी कलाकार की फिल्मी जवानी का सिलसिला 80, 90 और 2000 तक चलता रहा। गोरखपुर में रहने वाले सत्तर के दशक के बुजुर्गों में सत्तर के दशक के जवान ऋषि कपूर का चेहरा उनके निधन की खबर सुनते ही आंखों के सामने तैरने लगा। ये वहीं लोग हैं जिन्होंने सिंगल स्क्रीन के दौर में कभी स्कूल तो कभी ऑफिस बंक कर के ऋषि कपूर की फिल्में देखी हैं। सत्तर से लेकर नब्बे के दशक तक यहां सिंगल स्क्रीन सिनेमा कृष्णा टॉकीज, इन्द्रलोक, वीनस, जुबिली, विजय सिनेमा, माया, झंकार में ऋषि कपूर की फिल्मों के पोस्टर चमकते रहते थे और गलियों में एक खास रिक्शा साउण्ड के साथ घूमता था जो बोलता था कि भाईयो और बहनों आपके नजदीकी सिनेमा घर में राजकपूर का शाहकार फिल्म बॉबी रिलीज हो गई है। जिसमें जवां दिलों की धड़कर ऋषि कपूर और डिम्पल कपाड़ियां हैं। अपने परिवार के साथ फिल्म देखने जरूर आएं।

ब्लैक में बिकता था बॉबी का टिकट

ऋषि कपूर के जाने का गम उनके सभी प्रशंसकों के दिलों में है। गोरखपुर के एक फैन अंकुर ने बताया कि साल 1973 में कृष्णा टाकीज में फिल्म बॉबी रिलीज हुई तो दिल चुरा लेने वाला फिल्म को युवा नायक राजा (ऋषि कपूर) हर किसी को भा गया। उस वक्त एक रूपये 40 पैसे का टिकट था। फिल्म सिल्वर जुबली हुई और सबसे खास बात ये थी कि कई कई दिन के शो हाऊसफुल रहते थे। एडवांस टिकट नहीं है तो फिल्म देखने को नहीं मिलती थी। अंकुर ने बताया कि ऋषि कपूर की फिल्मों ने न सिर्फ सिनेमा मालिको बल्कि टिकट ब्लैर्क्स को बहुत धन कमा कर दिया है। उन्होंने बताया कि बॉबी के बाद साल 1980 तक कई फिल्मे आयीं लेकिन 1976 में आयी लैला मजनू और 80 में आयी कर्ज ने ऋषि कपूर को दिलों में बसा दिया। अंकुर ने बताया कि इन फिल्मों का आलम ये था कि 1 रुपये वाला टिकट तीन-तीन रुपये में लोग खुशी खुशी ब्लैक में लेते थे।

ऋषि कपूर के फैन की सुबह ही लग जाती लाइन

गोरखपुर के विजय सिनेमा में साल 1982 में ऋषि कपूर की फिल्म &प्रेमरोग&य रिलीज हुई थी। सिनेमा हॉल के मालिक संदीप टेकड़ीवाल बताते हैं कि उस सिनेमा हॉल में उस वक्त टिकट के लिए जो लाइने लगती थी वह आज भी नहीं भूलता हूं। टिकट द्वार से बाहर सड़क तक ऋषि कपूर के फैन फिल्म देखने के लिए घंटो लाइन लगाते थे। तड़के सुबह लाइन लग जाती थी। दो आदमी लाइन को सिर्फ व्यवस्थित करने के लिए होते थे। ऋषि कपूर की फैन फॉलोइंग में लड़कियों में सबसे ज्यादा थी तो बड़ी संख्या में लड़कियां भी फिल्म देखने आती थी। इसके बाद 1992 में बोल राधा बोल में भी ऐसा ही सीन सिनेमा हॉल के बाहर दिखा।

बॉबी ने बढाया मोटरसाइकिल का क्रेज

फिल्म एक्सपर्ट चन्द्रमोहन अंकुर बताते हैं कि फिल्म बॉबी जब रिलीज हुई और पर्दे पर सवार होकर जब राजा एक खास मोटरसाइकल पर आया तो उस वक्त वह मोटरसाइकिल भी दीवानों की लिस्ट में आ गई। इसके बाद से राजदूत ओटीएस की उसी बाइक के जैसी लोग अपनी बाइक मॉडीफाइड कराने लगे क्योंकि आर्डर पर जल्दी वह बाइक मिल नहीं रही थी।

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