- नेता प्रतिपक्ष ने नीतीश को दी सलाह

PATNA : नीतीश कुमार ने ख्भ् जुलाई को अपनी सरकार का रिपोर्ट कार्ड जारी करने की बात कही तो विपक्ष ने भी अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए। जाहिर तौर पर सरकार रिपोर्ट कार्ड में अपनी उपलब्धियों का बखान करेगी। विपक्ष के शब्दों में कहें तो अपनी पीठ थपथपाएगी। एजुकेशन, हेल्थ में किए गए काम काज को गिनाएगी।

विपक्ष की नसीहत

इधर विपक्षी पार्टी बीजेपी ने नीतीश कुमार को नसीहत दी है कि रिपोर्ट कार्ड में पिछले दो साल से ठप विकास और बेलगाम अपराध की रिपोर्ट भी जरूर पेश करें। ये कहा नेता प्रतिपक्ष नंदकिशोर यादव ने।

क्राइम ब्0 परसेंट बढ़ गया

नंदकिशोर यादव ने कहा कि जेडीयू ने बिहार की जनता से जो वायदे किए, उससे ठीक उलट काम किया। बिहार में आरजेडी का दौर कभी नहीं लौटने देने का वादा किया, लेकिन आरजेडी से गठबंधन कर लिया। कानून का राज कायम करने का वादा किया, लेकिन बिहार को अपराधियों के हवाले कर दिया, दो साल के भीतर अपराध ब्0 फीसदी बढ़ गए। विकास दर क्भ्.भ् फीसदी से 7.7 फीसदी तक गिर गई। फ्000 करोड़ के धान घोटाले पर लीपापोती करते रहे नीतीश कुमार।

ये सवाल उठते हैं

रिपोर्ट कार्ड में सब कुछ गुड-गुड होगा, इसकी उम्मीद है। लेकिन कुछ सवाल उठते हैं जो बहुत लाजमी भी हैं। ये वैसे सवाल हैं जिसका जवाब सरकार रिपोर्ट कार्ड में नहीं भी देती है तो चुनाव में जवाब देना ही होगा।

- सरकार को जवाब देना होगा कि दवा घोटाला कैसे हुआ?

- धान घोटाला कैसे हुआ?

-पीएमसीएच, एनएमसीएच जैसे बड़े सरकारी अस्पतालों में भी निर्धारित ज्यादातर दवाएं पेशेंट्स को फ्री क्यों नहीं मिल पा रही हैं?

-आईजीआईएमएस में कैसे हेल्थ मिनिस्टर की बेटी को ही नियम ताक पर रख बहाल कर लिया गया था?

-क्यों सरकार प्राइवेट स्कूलों और प्राइवेट अस्पतालों की मनमानी पर नकेल नहीं कस पा रही? सड़क पर बवाल क्यों होते रहे?

-क्यों फर्जी सर्टिफि केट पर बहाल टीचर्स को सरकार का संरक्षण मिलता रहा और हाईकोर्ट को कई बार फटकार लगानी पड़ी?

-क्यों अनंत सिंह और सुनील पांडेय जैसे नेताओं को आतंक मचाने की छूट मिली हुई थी और चुनाव का वक्त आते ही सरकार के तेवर दिखने लगे?

- क्यों मर्डर, अपहरण, रेप, लूट, डकैती जैसी घटनाओं में तेजी से वृद्धि हो गई है?

- क्यों विजिलेंस के बारे हाईकोर्ट को कहना पड़ा कि वह किसी काम का नहीं है?

-क्यों बरसात से पहले सरकार की जल निकासी की व्यवस्था हांफने लगी। सभी मैनहोल क्यों नहीं ढंके जा सके अब तक?

- लेक्चरर की बहाली की प्रक्रिया इतनी धीमी क्यों है?

- एग्जाम समय से नहीं, रिजल्ट समय से नहीं, हॉस्टल के सवाल क्यों सुझलाए नहीं जा सके? यूनिवर्सिटी में हंगामा क्यों बरपा है?