लहरा लो तिरंगा प्यारा

आज गणतंत्र दिवस है। एक भारतीय होने के नाते हमारा पहला धर्म है कि इस दिन अपना प्यारा तिरंगा जरूर फहराएं। अगर आप किसी संस्थान, स्कूल, ऑफिस से जुड़े हों तो वहां जाएं, नहीं तो आपके आस-पड़ोस में जहां भी तिरंगा फहराया जा रहा हो, वहां जाकर तिरंगे को नमर करें। मगर हां, ये ध्यान जरूर रखें कि इस तिरंगे का अपमान किसी भी स्थित में ना हो। तिरंगा फहराने के लिए क्या है फ्लैग कोड? ये हम आपको बताएंगे अंदर के पेज पर।

- तिरंगा झण्डा फहराने के लिए नेशनल फ्लैग कोड का पालन करना है जरूरी

- कोड के तहत झण्डे की साइज से लेकर इसे फहराने तक के लिए बने हैं नियम

- नियम का पालन न करना माना जाता है राष्ट्रीय ध्वज का अपमान

VARANASI : एक बार फिर से हमारा देश गणतंत्र लागू होने की खुशी में झूमने को तैयार है। ख्म् जनवरी सोमवार को लोग पूरी शान

से आसमान में तिरंगा फहरायेंगे। शहर में हर तरफ इस खास दिन को पूरे जोश और उत्साह के साथ मनाने की तैयार हो रही है। जगह-जगह तिरंगे की दुकानें सजी हुई हैं। यहां तिरंगे से लेकर तमाम तरह की दूसरी चीजें मौजूद हैं। गणतंत्र दिवस के सुबह से ही सरकारी-गैर सरकारी संगठनों की ओर से तिरंगा झण्डा फहराया जायेगा। उसे देखकर बच्चे से लेकर बड़ा हर कोई खुद में देशभक्ति के एक खास जज्बे का एहसास करेगा। आप भी इस खास दिन को मनायें। पूरे जोश और उत्साह के साथ तिरंगा लहरायें।

पहले नहीं थी ऐसी आजादी

आज तिरंगा फहराने पर कोई प्रतिबंध नहीं। देश का कोई भी नागरिक अपने प्यारे तिरंगे झण्डे का फहरा कर खुशी का इजहार कर सकता है। हालांकि पहले ऐसी आजादी नहीं थी। तिरंगा फहराने के लिए पहले ज्यादा नियम-कायदे थे और हर कोई इसे नहीं फहरा सकता था। फहराने के लिए भी तमाम शर्ते थी जिनका कड़ाई से पालन किया जाना जरूरी था। नियम अब भी हैं मगर अब हर नागरिक को झण्डा फहराने का अधिकार है। बस जरूरत है तो इसके सम्मान के साथ फहराने की। इसके सम्मान की रक्षा करने की और कोई भी ऐसा काम न करने की जिससे इसकी आन-बान शान को ठेस पहुंचे।

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ख्00ख् में मिला अधिकार

पहले देश के नागरिक सिर्फ राष्ट्रीय पर्व या विशेष अवसर पर ही तिरंगा फहरा सकते थे लेकिन एक जागरूक भारतीय नागरिक नवीन जिंदल ने ख्00ख् में आम नागरिक को किसी भी दिन तिरंगा फहराने का अधिकार दिलाया। ख्म् जनवरी ख्00म् में नेशनल फ्लैग कोड में संशोधन किया गया। जिसके बाद देश का कोई भी नागरिक किसी भी दिन किसी भी वक्त तिरंगा फहरा सकता है लेकिन उसे तिरंगा फहराने के बनाये गये नियमों को पूरी तरह पालन करना होगा। नियमों के उल्लंघन राष्ट्र ध्वज का अपमान माना जायेगा।

इन बातों का रखें ध्यान

क्। राष्ट्रीय ध्वज सिर्फ हाथ से बने ऊन, कॉटन, सिल्क या खादी का हो सकता है

ख्। किसी भी तरह से गलत छपा हुआ या खराब झण्डा नहीं यूज किया जा सकता।

फ्। किसी भी स्थिति में झण्डे को कमर से नीचे नहीं फहराया जाना चाहिए।

ब्। अगर झण्डा किसी स्थिति में खराब हो जाता है तो उसे फेंक देना उसका अपमान है

भ्। खराब या फटे झंडे को सम्मान पूर्वक एंकात में पूरे सम्मान के साथ जमीन में गाड़ देना चाहिए।

म्। तिरंगे को फहराने के लिए सूर्योदय से सूर्यास्त तक का नियम है।

7. तिरंगे को ऐसे जगह पर फहराया जाना चाहिए जहां से वो स्पष्ट दिखाई दे।

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फ्लैग कोड में झंडे की साइज को नंबरों से चिन्हित किया गया है जिसकी लंबाई और चौड़ाई का एक निश्चित रेशियो है। दिये गये लंबाई और चौड़ाई से हट कर झंडे का निर्माण अपराध है।

नम्बर लंबाई चौड़ाई (मिमी में)

क् म्फ्00Xब्ख्00

ख् फ्म्00Xख्ब्00

फ् ख्700Xक्800

ब् क्800Xक्ख्00

भ् क्फ्भ्0X900

म् 900Xम्00

7 ब्भ्0Xफ्00

8 ख्ख्भ्Xक्भ्0

9 क्भ्0Xक्00

प्लास्टिक का झण्डा मत फहराना

भइया अपने तिरंगे के सम्मान की रक्षा कराना हमारी जिम्मेदारी है। इसलिए हमें यह प्लास्टिक के झंडे के इस्तेमाल से पूरी तरह परहेज बरतना चाहिए। हम किसी राष्ट्र पर्व के दिन पूरे जोश के साथ प्लास्टिक के झण्डों के जरिये अपने जज्बात प्रदर्शित करते हैं लेकिन शाम को यही झण्डा सड़कों पर पड़ा मिलता है। यह तिरंगे का अपमान है। हरिश्चंद्र पीजी कॉलेज के स्टूडेंट्स ने इसी बाबत मैदागिन से एक रैली भी निकाली। रैली में स्टूडेंट्स से प्लास्टिक के झंडे का इस्तेमाल न करने की अपील की। रोलर स्केटिंग क्लब के मेंबर्स ने भी प्लास्टिक के झंडे के विरोध में रोलर स्केटिंग रैली निकाली।