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GORAKHPUR: लोकसभा चुनाव की तारीख जैसे-जैसे करीब आ रही है. जिला निर्वाचन की तरफ से पोलिंग पार्टियों की ट्रेनिंग शुरू हो गई है. वहीं सरकारी कर्मचारी चुनाव ड्यूटी में नाम आने से परेशान हैं. प्रतिदिन डीएम ऑफिस में 70-80 प्रार्थना पत्र चुनाव ड्यूटी से नाम कटाने के आ रहे हैं. चुनाव ड्यूटी से नाम कटाने के मामले में डीएम की तरफ से भी सख्त हिदायत दी गई है कि जेनविन केस होने पर प्रार्थना पत्र पर विचार किया जाएगा. अन्यथा चुनाव ड्यूटी से नाम नहीं काटा जाएगा.

डीएम ऑफिस से सीडीओ तक लगा रहे चक्कर
19 मई को लोकसभा चुनाव है. इससे पहले 12 मई को खजनी विधानसभा के वोटर्स अपने वोटिंग राइट्स का इस्तेमाल करेंगे. इसके लिए गोरखपुर जिला निर्वाचन की तरफ से सभी कर्मचारियों को वैलेट पेपर से मतदान कराए जाने की प्रक्रिया भी प्रारंभ कर दी गई है. लेकिन इस बीच डीएम ऑफिस में प्रार्थना पत्र की भरमार है. सीडीओ ऑफिस में आने वाले प्रार्थना पत्र पर विचार न करने पर फिर से डीएम ऑफिस में जाकर गुहार लगा रहे हैं.

केस वन
बुधवार दोपहर एक लड़की ने अपने पिता का चुनाव ड्यूटी से नाम कटवाने के लिए डीएम ऑफिस में गुहार लगाते हुए नजर आई. लड़की ने निवेदन किया कि पापा को गंभीर बीमारी है. उन्हें हाई बीपी और शुगर है. साथ ही स्पांडलाइटिस भी है. ज्यादा देर तक बैठक कर काम नहीं कर सकते हैं. इसलिए चुनाव डयूटी से हटा दीजिए.

केस टू
सर मेरी पत्नी टीचर है. मैं सरकारी जॉब में हूं. मेरी ड्यूटी ऑल रेडी लगा दी गई है. लेकिन मेरी पत्नी की ड्यूटी न लगे, इसके लिए मैंने प्रार्थना पत्र दिया है. लेकिन कोई विचार नहीं हुआ है. जबकि, चुनाव आयोग की तरफ से भी निर्देश है कि पति की ड्यूटी लगने पर पत्नी का चुनाव ड्यूटी में नाम नहीं दर्ज हो सकता.

केस थ्री
मेरे पापा को पैरालाइसिस मार दिया है. वह ऑफिस तक चलकर नहीं आ सकते हैं. स्वास्थ्य विभाग की तरफ से भी रिपोर्ट नहीं दिया गया है. बीमार होने के बाद भी उन्हें स्वस्थ बताया गया है. लेकिन उनकी स्थिति खराब है.

वर्जन..
चुनाव ड्यूटी से नाम कटाने के लिए आने वाले प्रार्थना पत्र पर किसी भी प्रकार का विचार नहीं किया जा सकता है. जो जेनविन होगा, उस पर ही विचार किया जा सकता है.
- आरके श्रीवास्तव, उप जिला निर्वाचन अधिकारी