-- छह हजार से अधिक खाली पड़े हैं केडीए के फ्लैट

-- रेरा में रजिस्टर्ड कानपुर, लखनऊ के एजेंट्स की मदद लेगा केडीए

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KANPUR: मनमानी करते हुए बनाए गए केडीए के हजारों फ्लैट तमाम प्रयासों के बाद भी नहीं बिक पाए हैं. इन फ्लैट्स की कीमत अरबों में है. इससे परेशान केडीए ऑफिसर्स ने अब इन फ्लैट्स को बेचने के लिए नया फंडा अपनाने की तैयारी की है. इन फ्लैट्स को बेचने के लिए केडीए यूपी रेरा में रजिस्टर्ड कानपुर और लखनऊ के एजेंट रखने की तैयारी कर रहा है.

सबसे अधिक एमआईजी फ्लैट

दरअसल वर्ष 2012-13 के बाद केडीए एक के बाद एक ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट लाया. ऑफिसर्स ने डिमांड सर्वे कराने की जरूरत तक नहीं समझी और फ्लैट बनाते गए. इसका नतीजा ये हुआ कि लाख कोशिशों के बावजूद भी अभी तक हजारों की संख्या में फ्लैट खाली पड़े हुए हैं. केडीए इम्प्लाइज के मुताबिक खाली पड़े फ्लैट्स की संख्या 6 हजार से ज्यादा है. इनमें 2 व 3 बीएचके फ्लैट भी शामिल हैं. सबसे अधिक एमआईजी कैटेगिरि के फ्लैट खाली पड़े हैं. केवल इन फ्लैट्स की संख्या 5 हजार से ज्यादा है. इसी तरह एलआईजी व एचआईजी फ्लैट्स की संख्या क्रमश: 740 व 492 है. इसी तरह 108 ईडब्ल्यूएस फ्लैट भी खाली पड़े हुए हैं.

मीटिंग में हुआ डिसीजन

चुनाव आचार संहिता के कारण अभी तक केडीए ऑफिसर्स इन फ्लैट्स को बेचने के लिए कोई डिसीजन नहीं कर पा रहे थे. लेकिन अब हजारों खाली पड़े फ्लैट्स को बेचने के लिए माथापच्ची शुरू कर दी है. इसी कड़ी में पिछले दिनों केडीए वीसी किंजल सिंह व सेक्रेटरी एसपी सिंह की अध्यक्षता में हुई मीटिंग में यूपी रेरा में रजिस्टर्ड कानपुर व लखनऊ के एजेंट्स की मदद लेने का भी डिसीजन लिया गया है. ऑफिसर चुनाव आचार संहिता हटने का इंतजार कर रहे हैं.

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अभी तक नहीं बिके फ्लैट

एमआईजी-- 5051

एलआईजी-- 740

एचआईजी-- 492

ईडब्ल्यूएस-- 108

टोटल -- 6391

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यूपी रेरा में रजिस्टर्ड एजेंट

कानपुर-- 78

लखनऊ-- 441

(एजेंट्स में इंडीविजुअल, कम्पनी, प्रोपराइटरशिप भी शामिल है)

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