रांची : घर बनाने के लिए अब आपको म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन या डेवलपमेंट अथॉरिटीज के यहां महीनों चक्कर नहीं काटने होंगे, क्योंकि मार्च 2019 से एक महीना के अंदर घरों का नक्शा पास कराने की तैयारी है। इतना ही नहीं अगर आपने बिल्डर से फ्लैट खरीदा है और उसने वादा के अनुसार काम नहीं किया है तो आपको न कंज्यूमर कोर्ट जाने की जरूरत है और न ही सिविल कोर्ट, क्योंकि इसके लिए ट्रिब्यूनल ही काफी है, जो सभी स्टेट में खुल चुके हैं। यह दावा है आवासन एवं शहरी विकास मंत्रालय के सचिव दुर्गा शंकर मिश्र का, जो शनिवार को सिटी में रेरा पर आयोजित वर्कशॉप में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि नए साल में रियल एस्टेट रेग्यूलेटरी अथारिटी (रेरा) और नगर निकायों से जुड़े सभी कार्य ऑनलाइन हो जाएंगे। इसके साथ ही मार्च से एक महीने के अंदर घरों नक्शा पास करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। उन्होंने कहा कि एक वक्त था जब इज ऑफ डूइंग बिजनेस में भारत का स्थान 189 देशों में 181वां था। आज वह 52वें स्थान पर है और यह संभव हो सका है डिजिटलाइजेशन से।

रेरा का रोल इम्पॉर्टेट

सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने कहा कि फ्लैट्स की खरीद-बिक्री में पारदर्शिता लाने तथा बिल्डरों और ग्राहकों के बीच अच्छा रिश्ता कायम करने में रेरा का रोल इम्पॉर्टेट है। लांचिंग के इन दो वर्षो में रेरा ने काफी अच्छी प्रगति की है। लगभग सभी राज्यों में ट्रिब्यूनल बन चुका है। बिल्डर-ग्राहक विवाद के निपटारे के लिए अब न तो कंज्यूमर कोर्ट जाने की जरूरत है और न ही सिविल कोर्ट।

ये स्टेट्स हुए शामिल

झारखंड

बिहार

ओडिशा

छत्तीसगढ़

पश्चिम बंगाल

महाराष्ट्र

नागालैंड

असम

त्रिपुरा

मिजोरम व अन्य।

अप्लीकेशन में कमी हो तो तुरंत बताएं

इस मौके पर नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने कहा कि रेरा से जुड़ी गतिविधियां समयबद्ध हो, अफसरों को यह भी सुनिश्चित करना होगा। अगर नक्शा ही पास करना है तो कितने दिनों में होगा। अगर आवेदन में कोई खामी हो तो उसे तत्काल बताएं। कितने नक्शे पास हुए, वह कितने मंजिल का है, नेट पर डालकर निश्चिंत न हो जाएं, बल्कि निकायों में इसे प्रदर्शित करें।

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30 अप्रैल 2017 को रात 12 बजे महारेरा (रेरा, महाराष्ट्र) पूरी तरह से ऑनलाइन हो गया। 12 बजकर 52 मिनट पर दो बिल्डरों ने रजिस्ट्रेशन के लिए ऑनलाइन आवेदन भी दे दिए, तो सुबह निबंधित भी हो गए। महारेरा से अब तक वहां 19 हजार बिल्डर निबंधित हो चुके हैं, जो लगभग 20 लाख फ्लैटों का निर्माण करेंगे। 5100 शिकायतें आई, जिनमें से 32 सौ का निपटारा हो चुका है। बिल्डरों और ग्राहकों से जुड़े लगभग 300 सवाल-जवाब महारेरा के साइट पर हैं।

-गौतम चटर्जी, अध्यक्ष, महारेरा

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