-फॉरेस्ट की टीम ने रेस्क्यू किए दो जैकाल, एक वुल्फ

- एयरपोर्ट के रनवे पर दौड़ रहे वाइल्ड एनिमल

देहरादून,

जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर फॉरेस्ट डिपार्टमेंट द्वारा चलाए जा रहे ऑपरेशन जैकाल में टीम को तीन माह बाद सफलता हाथ लगी। फॉरेस्ट टीम ने दो जैकाल और एक वुल्फ को पिंजरे में कैद किया है। तीन माह से वाइल्ड एनिमल एयरपोर्ट के रनवे पर दौड़ते देखे जा रहे थे, जो सेफ्टी के लिए बड़ा खतरा थे। एयरपोर्ट जंगल से सटा हुआ है और वाइल्ड एनिमल का मूवमेंट यहां बना रहता है।

रनवे पर वाइल्ड एनिमल

जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर वाइल्ड एनिमल्स का दिन-रात मूवमेंट बना हुआ है। स्थिति ये है कि कई बार वाइल्ड एनिमल्स रनवे तक पहुंच जाते हैं। ऐसे में प्लेन के टेक-ऑफ और लैंडिंग के दौरान हादसों का खतरा बना रहता है। एयरपोर्ट अथॉरिटी द्वारा वाइल्ड एनिमल्स का मूवमेंट रोकने के लिए फॉरेस्ट डिपार्टमेंट की हेल्फ ली गई, पिछले तीन माह से फॉरेस्ट की टीम एयरपोर्ट पर ऑपरेशन जैकाल चला रही थी। एयरपोर्ट पर जैकाल को कैद करने के लिए पांच पिंजरे लगाए गए थे। लंबे इंतजार के बाद अब फॉरेस्ट के पिंजरे में दो जैकाल और एक वुल्फ कैद हुआ है। टीम ने तीनों को राजाजी नेशनल पार्क में छोड़ दिया है। वेडनसडे को फॉरेस्ट टीम को पूरी रात एयरपोर्ट में गुजारनी पड़ी।

3 तरह का मीट परोसा, तब पकड़े जैकाल

जैकाल व वुल्फ बेहद चालाक किस्म के वाइल्ड एनिमल्स हैं। इनको दबोचने में टीम के पसीने छूट गए। इन्हें पिंजरे में कैद करने के लिए फॉरेस्ट टीम द्वारा तीन तरह का मीट परोसा गया, लेकिन जैकाल और वुल्फ नहीं पकड़े गए। आखिर में फॉरेस्ट टीम को पोर्क मंगाना पड़ा, तब जाकर इन्हें कैद किया जा सका।

अब रोस्टेड मीट परोसेंगे

तीन तरह का मीट परोसे जाने के बाद भी सिर्फ तीन एनिमल ही दबोचे जा सके हैं। एयरपोर्ट के रनवे पर अभी भी वाइल्ड एनिमल्स का मूवमेंट बना हुआ है। ऐसे में अब फॉरेस्ट टीम द्वारा वाइल्ड लाइफ को पिंजरे में कैद करने के लिए रोस्टेड मीट परोसा जाएगा। रोस्टेड मीट की खुशबू से अट्रैक्ट होकर एनिमल्स आसानी से पिंजरे में कैद हो पाएंगे। रेस्क्यू टीम में थानो के आरओ डा। उदय नंद गौड़, रवी जोशी, जितेंद्र बिष्ट, देवेंद्र रावत आदि शामिल रहे।

7 एनिमल किए जा चुके रेस्क्यू

एयरपोर्ट पर अब तक 3 बंदर, एक बिज्जू, दो जैकाल व एक वुल्फ पकड़े जा चुके हैं। इन्हें जंगल में छोड़ दिया गया है।

रनवे तक पहुंचने के कारण

बताया जा रहा है कि एयरपोर्ट तक इन जानवरों के दस्तक के कई कारण है। बने हुए खाने को फेंका जाना, एयरपोर्ट में घास-फूस व दीवारों के बीच गैप भी कारण है। जिससे ये आसानी से फांद कर रनवे तक पहुंच जा रहे हैं। फॉरेस्ट ने दीवार में गैप को जाली से भरने, सील करने के सुझाव एयरपोर्ट प्रशासन को दिए हैं।