-जालमा के रिसर्चफेलो डॉ। रनंजय सिंह ने अपने शोध में पाया कि यही हाल रहा था ज्यादातर लोगों को होंगी कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियां

आगरा। मार्केट में जो हरी-हरी और फ्रेश सब्जियां मिल रही हैं ये आपके फ्यूचर के लिए काफी डेंजरस हैं। इन सब्जियों और फलों को पेस्टीसाइड का यूज करके प्रोड्यूस किया जा रहा है। पेस्टीसाइड द्वारा प्रोड्यूस की गई सब्जियां या फल का लगातार सेवन करने से आपको कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। ये कहना है ऑर्गेनिक एग्रीकल्चरिस्ट डॉ। रनंजय सिंह का। वे इसपर पिछले पांच साल से रिसर्च कर रहे हैं। और उनका मानना है कि यदि जिस रफ्तार से कैंसर और फेंफड़ो की बीमारी के पेशेंट्स बढ़ रहे हैं। इस हिसाब से 70 परसेंट से ज्यादा लोगों को कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है।

खतरनाक है पेस्टीसाइट

एक आम धारणा है कि तंबाकू से कैंसर होता है। लेकिन ऐसा भी देखा जाता है कि पड़ोस वाले अंकल को कैंसर हो गया लेकिन वो तो कभी तंबाकू को हाथ भी नहीं लगाते थे। आजकल तो छोटे बच्चों को भी कैंसर जैसी गंभीर बीमारी हो जाती है। इसके पीछे की वजह है हमारा खानपान। डॉ। रनंजय ने भी अपने रिसर्च में पाया है कि सब्जियों और फलों पर छिड़काव में प्रयोग किये जा रहे जहरीले कीटनाशक इसका कारण हैं। आजकल हर सब्जी की दुकान पर पेस्टीसाइड युक्त सब्जियां मिलती हैं।

ऑक्सीटोसिन का लगाते हैं इंजेक्शन

सब्जी कारोबारी कम टाइम में ज्यादा प्रोडक्शन करने के लिए पेस्टीसाइड और बैन ऑक्सीटोसिन का यूज करते हैं। इससे सब्जी रातों-रात बढ़ी और वजनी हो जाती है। इससे कारोबारियों का तो फायदा हो जाता है लेकिन आम लोगों की सेहत पर ये बहुत आघात करता है।

पेस्टीसाइड के यूज से चमकदार दिखती हैं सब्जियां

भिंडी, करेला, परवल, मटर और टमाटर आदि फ्रेश और चमकदार दिखते हैं। फ्रूट्स को पकाने के लिए कैल्शियम कार्बाइड का यूज किया जाता है। इससे फ्रूट्स जल्दी पक तो जाते हैं लेकिन इससे हैल्थ को नुकसान पहुंचाते हैं। टमाटर को पकाने के लिए जीएथ्री केमिकल का यूज किया जाता है।

बॉडी में चले जाते हैं केमिकल्स

इन सब्जियों और फलों को खाने से ये केमिकल हमारी बॉडी में चले जाते हैं। इससे ये केमिकल हमारी बॉडी में ऑब्जर्व हो जाते हैं और पाचन में सम्मिलित हो जाता है। इससे बॉडी में फैट जमा हो जाता है। इसका साइड इफैक्ट स्किन, डाइजेशन, ब्रेन और श्वसन तंत्र पर पड़ते हैं। इसके बाद बॉडी की प्रतिरोधक क्षमता कम होने लगती है और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां बॉडी में पनपने लगती हैं। डीडीटी और डीडीई दोनों में कैंसर कारक पाए जाते हैं। एल्ड्रिन, बीएचसी पाउडर और क्लोरोपॉयरीफॉस का यूज आजकल काफी ज्यादा किया जा रहा है। ये सब बॉडी को हार्म पहुंचाने वाले कारक हैं।

ऐसे दूर करें पेस्टीसाइड का इफैक्ट

फ्रूट्स और वेजीटेबल को इकट्ठा करके एक बर्तन में रख लें। इस बर्तन को पानी से भर दें। इसके बाद इसमें एक बड़ा चम्मच सिरका डाल दें। 15 मिनट बाद फ्रूट्स और वेजीटेबल्स को साफ कर लें। इससे काफी हद तक पेस्टीसाइड का असर कम होता है। ऑर्गेनिक फूड को अपनी डेली लाइफ में अपनाएं। आजकल मार्केट में ऑर्गेनिक फूड भी अवेलेबल हैं।

पेस्टीसाइड फूड खाने से बॉडी में केमिकल्स हमारे ऑर्गसं में डिजॉल्व हो जाते हैं। इससे हमारी बॉडी की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने लगती है। इसके बाद कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां बॉडी में पनपने लगती हैं। जयपुर के सवाई मानसिंह हॉस्पीटल में डेली 28 से 30 कैंसर के नए पेशेंट्स आते हैं। यही हाल रहा तो आने वाले टाइम में ज्यादातर लोग कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों की गिरफ्त में होंगे।

-रनंजय सिंह, माइक्रो बायोलॉजिस्ट, जालमा