संगम नोज पर हुए गंगा महाधिवेशन में गंगा की व्यथा पर मंथन, गंगा सेना के दसवें स्थापना दिवस पर हुआ आयोजन

ALLAHABAD: गंगा सेना के दसवें स्थापना दिवस समारोह में शिक्षकों, वैज्ञानिकों व गंगा भक्तों ने मोक्षदायिनी मां गंगा के प्रदूषित स्वरूप और उसको निर्मल बनाने के लिए हो रहे प्रयासों को लेकर चिंतित दिखे। समारोह के पहले सत्र में नेशनल रिवर कांफ्रेंस का आयोजन किया गया तो सरकार के भरोसे बैठने की बजाए स्वयं एकजुट होकर वर्ष 2025 तक मोक्षदायिनी को प्रदूषण से मुक्ति दिलाने का संकल्प भी लिया गया। कांफ्रेंस के मुख्य अतिथि जस्टिस अरुण टंडन ने कहा कि गंगा को निर्मल बनाने के लिए समाज को आगे बढ़कर अपनी भूमिका का निवर्हन करना चाहिए।

आईआईटी दिल्ली की डॉ। रश्मि सांगी ने कहा कि करीब ढ़ाई सौ मिलियन लीटर औद्योगिक अपशिष्ट गंगा में जा रहा है जिसे तत्काल रोकने की जरुरत है। गंगा सेना के अध्यक्ष योग गुरु आनंद गिरि ने कहा कि ऋषिकेश से लेकर प्रयाग के बीच दर्जनों चीनी मिल, चमड़ा उद्योग व पेपर फैक्ट्री से गंदगी गंगा में डाली जा रही है जो बहुत ही चिंता का विषय है। उन्होंने बताया कि व‌र्ल्ड वाइल्ड लाइफ फंड के अनुसार गंगा विश्व की उन दस नदियों में से एक है जिस पर बड़ा खतरा मंडरा रहा है।

ऐसे में हमें सरकार के भरोसे नहीं बैठना है इसलिए हम सभी को गंगा की निमर्लता के लिए पूरे समर्पण भाव से काम करना होगा। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो। आरएल हांगलू ने गंगा सेना द्वारा मोक्षदायिनी की निर्मलता को लेकर चलाए जा रहे कार्यक्रमों की सराहना की। आईआईटी रुड़की के प्रो। रजत शुक्ला ने अपने 25 शोध छात्र-छात्राओं द्वारा गंगा की निमर्लता के लिए तैयार किए गए प्रोजेक्ट की पावर प्वाइंट प्रस्तुति दी।

कांफ्रेंस में वैज्ञानिक वेंकटेश, आईआईटी कानपुर की डॉ। स्वाति सक्सेना, प्रो। मनमोहन कृष्णा, प्रो। योगेश्वर तिवारी व ग्लोबल ग्रीन के संयोजक मनोज श्रीवास्तव ने गंगा की दुर्दशा पर अपने विचार रखे। संचालन संजय पुरुषार्थी का रहा। कांफ्रेंस में डॉ। ज्योति शंकर श्रीवास्तव, डॉ। केडी त्रिपाठी, डॉ। यूबी यादव, डॉ। शरद जैन, डॉ। दिलीप चौरसिया आदि मौजूद रहे।

तृप्ति के भजनों पर झूमे श्रोता, विशिष्टजनों का सम्मान

महाधिवेशन के एक अन्य सत्र में सांस्कृतिक व सम्मान समारोह का आयोजन हुआ। सांस्कृतिक संध्या का मुख्य आकर्षण प्रख्यात भजन गायिका तृप्ति शाक्या का रहा। उन्होंने ' कभी राम बन के कभी श्याम बन के' की प्रस्तुति की तो हर कोई तालियां बजाने पर मजबूर हो गया। इसके बाद उन्होंने 'गंगा मइया में जब तक की पानी रहे' प्रस्तुति देकर समां बांध दिया। बेबी शुभा मालवीय व बेबी लक्ष्मी श्रीवास्तव ने गीतों की प्रस्तुति की तो तरुण सोनाली चक्रवर्ती ग्रुप के कलाकारों ने गंगा पर केन्द्रित नृत्य नाटिका की मनमोहक प्रस्तुति की। इस दौरान विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्यो के लिए जस्टिस अरुण टंडन, प्रो। आरएल हांगलू, डॉ। वंदना बंसल, डॉ। सीपी शर्मा व डॉ। श्लेष गौतम सहित कई विशिष्ट जनों को गंगा सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया।