ALLAHABAD: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राजकीय विद्यालयों में अध्यापकों के समायोजन के शासनादेश 29 जून 2017 के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी है और राज्य सरकार व माध्यमिक शिक्षा परिषद से याचिका पर जवाब मांगा है। इस शासनादेश से प्रदेश के 686 सहायक अध्यापकों का समायोजन किया जा रहा है। जिसकी वैधता को चुनौती दी गयी है। यह आदेश जस्टिस पीकेएस बघेल ने शैलेन्द्र कुमार सिंह व 107 अन्य अध्यापकों की याचिका पर दिया है।

समायोजन पर रोक से टीचर्स में उत्साह

राजकीय इंटर कालेजों में सरप्लस एलटी ग्रेड टीचर्स समायोजन के मामले में कोर्ट द्वारा स्टे दिए जाने पर गुरुवार को टीचर्स ने खुशी जाहिर की। मामले को लेकर राजकीय इंटर कालेज में टीचर्स की मीटिंग बुलायी गई। अध्यक्षता राजकीय शिक्षक संघ के महामंत्री डॉ। रवि भूषण ने की। वक्ताओं ने कहा कि यदि समय से प्रमोशन कर दिया गया होता तो समायोजन की जरूरत नहीं होती। अधिकारी चाह लें तो एक सप्ताह में विभाग में लंबित अध्यापकों के सभी प्रमोशन कर दिए जाएं। इसके बाद अध्यापक अपने आप नए स्कूल में जाकर ज्वाइन कर लेते। परन्तु अधिकारी अन्याय पर आमादा हैं। जीआईसी में मीटिंग के दौरान शिक्षकों ने कहा कि विभाग नियमावली के विपरीत शिक्षकों का समायोजन करना चाहता है। उन्हें पता है कि एलटी एवं प्रवक्ता की अर्हता अलग है। विषयवार नियुक्ति होती है फिर भी शिक्षामंत्री को गलत जानकारी देते हुए शिक्षकों के शोषण करने का रास्ता बना दिया। शिक्षकों ने कहा कि पूरे मामले में हाईकोर्ट के द्वारा न्याय करते हुए समायोजन आदेश पर रोक लगाने से न्याय की जीत हुई। उन्होंने पहले प्रमोशन करने और उसके बाद समायोजन करने की बात कही। प्रांतीय महामंत्री डॉ। रवि भूषण ने डिप्टी सीएम से समायोजन के मामले में गड़बड़ी करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। इस अवसर पर अहमद, बीएल पाल, जुबैर अहमद, रमेश, प्रियंका, संतोष, वंदना, मृदुला, समेत अन्य टीचर्स मौजूद रहे। मीटिंग का संचालन प्रभाकर त्रिपाठी ने किया।