-27 अप्रैल को जारी हो रहे यूपी बोर्ड एग्जाम के रिजल्ट को लेकर तनाव में हैं स्टूडेंट्स
- कोई कम मार्क्स के लिए परेशान तो किसी को सता रहा फेल होने का डर
बरेली:
केस:1
शहर के गोल्डन ग्रीन पार्क में रहने वाले एक स्टूडेंट ने हाईस्कूल का एग्जाम दिया है. एग्जाम अच्छा हुआ था, अब रिजल्ट आने वाला है, तो कई दिनों से वह गुमसुम सा रहने लगा. परिजनों ने पूछा तो पता लगा कि वह रिजल्ट को लेकर परेशान है. परिवार वालों ने उसे समझाया, लेकिन कम मार्क्स आने डर उसके दिमाग से नहीं निकल रहा है.
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केस:2
-राजेन्द्र नगर की रहने वाली एक स्टूडेंट्स ने हाईस्कूल का एग्जाम यूपी बोर्ड से दिया है. अब रिजल्ट आने वाला है तो वह मार्क्स को लेकर अभी से परेशान है. किसी से ज्यादा बात भी नहीं कर रही है. परिजनों ने बताया कि उसे दवाई लेने के लिए कहा तो पता चला कि वह बीमार नहीं है, बल्कि रिजल्ट को लेकर परेशान है. हालांकि परिवार वालों ने उसे काफी समझाया इसके बाद भी उसके माइंड से परसेंटेज का जूनून नहीं उतरा पा रहा है.
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यूपी बोर्ड का हाईस्कूल और इंटरमीडिएट का रिजल्ट 27 अप्रैल को जारी हो रहा है. रिजल्ट जारी होने की डेट क्लीयर होते ही स्टूडेंट्स की हार्ट बीट्स बढ़नी शुरू हो गई हैं. कोई कम मार्क्स को लेकर चिंतित है तो किसी को फेल होने का डर सता रहा है. हालांकि इस बारे में एक्सपर्ट का कहना है कि स्टूडेंट्स के पेरेंट्स ही काउंसलिंग कर उनका तनाव दूर करने में मदद कर सकते हैं. बच्चों को समझाना चाहिए कि परेशान न हैं और हिम्मत न हारें सफलता के चांस अभी और भी हैं.
इस तरह रहें तनाव मुक्त
-बच्चों की समय-समय पर काउंसलिंग करते रहें
-बच्चों से फ्रेंडली महौल बनाकर रखें
-मार्क्स को लेकर बच्चों पर दबाव न डालें
-रिजल्ट वाले दिन बच्चों को रिलेक्स रहने दें
-बच्चों का कांफिडेंस बढ़ाएं
-रिजल्ट आने से पहले तय न करें कि बच्चे को क्या कराना है
-कम नम्बर आने पर बच्चों को तंग न करें
-तनाव से बच्चों को बचाने के लिए पेरेंट्स बच्चों के साथ मौजूद रहें
-अपना मनपंसद काम करें, सांग्स सुनें, मूवी देखें या कोई गेम खेलें
रि-चेकिंग का है ऑप्शन
रिजल्ट आने के बाद यदि किसी स्टूडेंट्स को लगता है कि उसने अधिक मेहनत की है, लेकिन जितने मार्क्स आने चाहिए थे उतने नहीं आए हैं तो वह री-चेकिंग, स्क्रूटनी की भी मदद ले सकता है. जिससे पूरी स्थिति साफ हो जाएगी. कम परसेंटेज के लिए निराश होने या हिम्मत हारने की जरूरत है. जो भी रिजल्ट आए, संदेह लगे तो कंप्लेन जरूर करें.
एक्सपर्ट की बात
बच्चों को मेंटली प्रिपेयर करें, उन्हें डिमोटिवेट न करें. कभी बच्चों को रिजल्ट आने से पहले उन्हें किस क्षेत्र में भेजना है तय न करें. इसके लिए बच्चों की ही राय जाने कि वह क्या करना चाहते हैं और किस क्षेत्र में जाना चाहते हैं. बच्चे ने जब एग्जाम दिया था तो बच्चा और उसके पेरेंट्स अच्छी तरह समझ जाते हैं कि उसके कितने मार्क्स आने वाले हैं, लेकिन रिजल्ट आने के बाद मेरिट को लेकर बच्चों पर दबाव न बनाएं.
आरके शर्मा, शिक्षाविद्
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दो पेरेंट्स के वर्जन भी दिए जाएंगे::