-दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट की ओर से आयोजित नेक्स्ट जेन रिटेल सॉल्यूशन में एक्सप‌र्ट्स ने दिया बिजनेस बढ़ाने का मंत्र

-बिजनेसमैन बोले रिटेल मार्केट में सुधार की है आवश्यकता

रिटेल मार्केट को ई-कॉमर्स यानि ऑनलाइन मार्केट से घबराहट होने लगी है। ऐसा होना भी लाजमी है। उनके पास पूंजी के साथ एफडीआई की ताकत है। ये सुर्खियों में छाए रहने के लिए सबसे ज्यादा विज्ञापन में आते हैं। क्वालिटी के साथ बेहतरीन सर्विस के बल पर पब्लिक के बीच उनकी अप्रोच भी लगातार बढ़ रही है। लेकिन इन सब के बीच रिटेल मार्केट के पास तगड़ा एक्सपीरियंस है। रिटेल हमारी संस्कृति का अहम हिस्सा है। यह बाते सोमवार को पूजा रेजिडेंसी में दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट की ओर से आयोजित नेक्स्ट जेन रिटेल सॉल्यूशन में एक्सप‌र्ट्स ने कहीं। उन्होंने कहा कि अगर ऑनलाइन मार्केट के बढ़ते दायरे से मन में डर समा रहा है तो इसके जिम्मेदार भी रिटेलर्स ही हैं। क्योंकि वह मार्केट में मौजूद बिजनेस को बढ़ाने वाले माध्यमों इस्तेमाल ही नहीं कर रहे है। मार्केट में नए युग की शुरुआत हो चुकी है। जिसमें सबको चलने की जरूरत है।

करनी होगी अपनी ब्रांडिंग

महमूरगंज स्थित होटल में आयोजित नेक्स्ट जेन रिटेल सॉल्यूशन में बड़ी संख्या में बिजनेसमैन उपस्थित थे। उन्होंने मार्केट में आ रहे चैलेंजेस और सॉल्यूशंस पर एक्सप‌र्ट्स से खुलकर बात की। बिजनेसमैन को रिटेल मार्केट की ग्रोथ के टिप्स भी मिले। एक्सप‌र्ट्स ने कहा कि रिटेल मार्केट को डिजिटल और रिटेल को साथ लेकर चलने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि ऑनलाइन मार्केट को ऑफलाइन मीडिया की जानकारी है। 40 फीसदी एडवरटिजमेंट अखबारों और टीवी में ई-कामर्स मार्केट के दिखते हैं। जबकि रिटेल मार्केट के बिजनेसमैन माध्यमों का उचित इस्तेमाल नहीं कर पाते हैं। अब हमें भी ऐसी प्लानिंग करनी होगी। अब हमें विज्ञापन देना होगा क्योंकि विज्ञापन हमारे लिए बिक्री का साधन ही नहीं बल्कि ब्रांड बिल्डिंग का जरिया हैं।

दीप जलाकर किया शुभारंभ

चीफ गेस्ट एजीआर ऑटो मोबाइल के राजीव गुप्ता, सीवी मार्ट के ओनर अशोक बुलानी, दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट सेल्स के वाइस प्रेसीडेंट अनिर्बान बागची,

सम्पादकीय प्रमुख डॉ। रविन्द्र पाठक

दैनिक जागरण के जीएम डॉ। अंकुर चड्ढा और ने मां सरस्वती के चित्र माल्यार्पण करने के साथ दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के एरिया मैनेजर सेल्स विजेन्द्र शर्मा ने धन्यवाद ज्ञापन दिया।

लोकल ऐप बनाने की जरूरत

चीफ गेस्ट राजीव गुप्ता ने रिटेल मार्केट के विभिन्न पहलुओं पर बात की। उन्होंने कहा कि यह सही है कि मंदी का डर हमें सता रहा है, लेकिन इससे डरने के बजाए लड़ने की आवश्यकता है। रिटेल मार्केट को टिप्स की जरूरत है। डिजिटल भी तेजी से मूव कर रहा है। ऐसे में हमें रिटेल और डिजिटल दोनों को साथ लेकर चलना होगा, तभी हम सफल हो पाएंगे। बनारस के कस्टमर्स के लिए यहां लोकल एप बनाने की जरूरत है। जिससे घर बैठे रिटेल मार्केट का सामान पहुंच पाए। उन्होंने कहा कि ऑटो मोबाइल सेक्टर में मंदी इसलिए आई कि कुछ समय पहले गवर्नमेंट ने इलेक्ट्रिक व्हीकल को बढ़ावा देने के साथ बीएस फोर वाहन की अनिवार्यता लागू कर दी थी। इससे ऑटोमोबाइल सेक्टर को भारी नुकसान हुआ। लोगों में व्हीकल परचेजिंग को लेकर कंफ्यूजन होने लगी। उन्हें लगा कि आज व्हीकल खरीदें और दो तीन साल बाद इसे बदलना पड़ जाए तो क्या करेंगे।

नहीं रहना सीमित

सीवी मार्ट के ओनर अशोक बिलानी ने कहा कि व्यापारियों को किसी एक एरिया तक सीमित नहीं रहना चाहिए। अब समय आ गया है कि दायरे से बाहर निकले। क्योंकि अब समय बदल गया है। लिहाजा बदलाव बिना रिटेल को आगे बढ़ाना मुश्किल होगा। अपने बिजनेस क्षेत्र की सीमाओं को बढ़ाकर रिटेलर्स को मार्केटिंग करनी होगी।

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मोटीवेशनल प्वाइंट्स

-रिटेल मार्केट नेशन बिल्डर्स की तरह काम करती है।

-रिटेलर्स को खुद को अपडेट करने की जरूरत है। प्रचार प्रसार पर खर्च करने से कमाई भी बढ़ेगी।

-स्केल, स्किल, स्टे्रंथ और स्पीड के जरिए लाइफ में मिल सकती है सक्सेज।

-रिटेल व्यापारी अपॉर्चुनिटी क्रिएटर होता है।

-ऑनलाइन के बिना रिटेलर्स के व्यापार का नहीं होगा विकास।

-रिटेल मार्केट के काम नहीं करने पर देश में आ जाएगी मंदी।

-न्यूज पेपर में दिया हुआ विज्ञापन ऑनलाइन एड से आगे जाता है।

-हाल में रिटेल मार्केट ने 31 प्रतिशत का ग्रोथ किया, लेकिन रिटेल ने कुछ नहीं किया। क्योंकि हम समय के साथ खुद को बदलना नहीं चाहते।

65

फीसदी रीडर यूथ है दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट का। यह यूथ ही बाजार को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है।

50

फीसदी की ग्रोथ की है दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट ने आईआरएस रिपोर्ट के मुताबिक। इसमें महिलाओं की संख्या अधिक है और उनकी मार्केटिंग में अहम भूमिका होती है।

फैक्ट फिगर्स

31

फीसदी की ग्रोथ एक साल में रिटेल मार्केट ने की है।

86

लाख करोड़ रुपए की ग्रोथ पर पहुंच

जाएगा 2021 तक यह मार्केट।

92

फीसदी कस्टमर आज भी शॉप पर जाकर शॉपिंग करते हैं।

08

फीसदी कस्टमर ही ऑनलाइन शॉपिंग करते हैं।

50

करोड़ लोगों के पास देश में डिजिटल फोन हैं।

22

करोड़ लोगों ने कभी न कभी ऑनलाइन शॉपिंग की है।

28

फीसदी की रिटेल मार्केट की हिस्सेदारी है जीडीपी में

88

फीसदी

बाजार पर रिटेलर्स का है कब्जा

---------वर्जन

रिटेल मार्केट लोगों की संस्कृति से जुड़ा है। इस मार्केट में आप अपनी पसंद के सामान को सामने से खरीद सकते हैं। सामान की क्वालिटी के साथ अपनी संतुष्टि भी प्राप्त कर सकते हैं।

-अमित मौर्या

इवेंट में रिटेलर्स को बहुत कुछ सीखने को मिला। हमने जाना कि अब रिटेलर्स को समय के साथ चलना होगा। अपने बिजनेस के अस्तित्व को बचाने के लिए यह नए युग के बिजनेस फंडे को अपनाना बेहद जरूरी है।

-आशिष मौर्या

अगर रिटेलर्स चाहें तो वह किसी भी मंदी से निपट सकते हैं। जरुरत है तो बस उन्हें मार्केटिंग के तरीके में बदलाव लाने की। रिटेल मार्केट लोगों की पहली पसंद है। लिहाजा डरने या घबराने की जरूरत नहीं है।

-डॉ। धर्मेन्द्र त्रिपाठी

विज्ञापन एक ऐसा इनवेस्टमेंट है जिससे हमें बड़ा फायदा होता है। बगैर इसके बिजनेस को बढ़ावा मिलना मुश्किल है। न्यूज पेपर हमारे बिजनेस पार्टनर हैं। बिजनेस पैसे कमाने का साधन नही बल्कि साख यानि गुडविल कमाना है।

-डा। राजीव झा

ऑनलाइन मार्केट ने ज्वैलरी मार्केट पर भी असर डाला है। इसमें भी बदलाव की जरूरत है। अगर ऑनलाइन से लड़ना है तो उनके फंडे आजमाने होंगे। प्रचार-प्रसार पर अधिक बजट देना होगा और यह स्मार्ट तरीके से किया जाना चाहिए।

-प्रिंस जायसवाल

दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट की ओर से की गई यह पहल सराहनीय है। रिटेलर्स को ऐसा मंच प्रदान किया गया जहां उनके मजबूरी और समस्याओं पर चर्चा की गई। उनको इसके साल्यूशन के बारे में भी बताया गया।

-राजेश चौरसिया

जमाना बदल गया है, बगैर एड के कोई भी बिजनेस सफलता की सीढ़ी नहीं चढ़ सकता। कुछ रिटेल ब्रांड ऐसे भी रहे हैं जिन्होंने मंदी के दौरान भी ग्रोथ हासिल की। ऐसा इसलिए कि उन्हें विज्ञापन के ताकत का अंदाजा पहले से था।

-राजीव गुप्ता

अगर ऐसे ही एक मंच पर व्यापारियों को उनके बिजनेस के इतने सारे सॉल्यूशंस मिल जाएं तो फिर उनके कई समस्याओं का समाधान हो जाएगा। उन्हें कही इधर-उधर भटकने की जरुरत नहीं होगी।

सचिन मिश्रा

मंदी से डरने की जरूरत किसी को भी नहीं है। क्योंकि रिटेलर्स इसके दबाव में आ गए तो देश में मंदी का माहौल बनना तय हो जाएगा। अगर हम चाहें तो देश को विकास के रास्ते पर ले सकते हैं।

-संदीप बरनवाल

ट्रेडिशनल को ई-कॉमर्स कंपनियों से डरने की जरूरत नहीं है। क्योंकि हमारे हथकंडों को इस्तेमाल करके ही ऑनलाइन मार्केट ने अपना दायरा बढ़ा रही हैं। हमें भी अपने तरीकों का उचित इस्तेमाल करके बिजनेस को आगे लाना होगा।

अशोक बिलानी

रिटेल साल्यूशंस एक अच्छा प्लेटफार्म है। दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट ने व्यापारियों की समस्याओं के बारे में सोचा यह एक बड़ा कदम है। हम सभी व्यापारी इसका तहे दिल से स्वागत करते हैं।

शशांक खेमका

व्यापारी अपार्चुनिटी क्रिएटर होता है। वह लोगों को मौका देता है कि वह मार्केट से अपना अधिक से अधिक फायदा कमा लें और वह खुद भी फायदे में रहे। इससे देश की इकॉनमी भी मजबूत होती है।

विनोद मोगरा