नही आ रहे अच्छे दिन

सरकार की पुरजोर कोशिशों के बावजूद मंहगाई रुकने का नाम नही ले रही है. इस मामले में जुलाई की खुदरा मंहगाई दर को रिफरेंस के रूप में लिया जा सकता है. गौरतलब है कि जुलाई माह में सब्जियों, फलों और डेयरी प्रॉडक्ट्स के महंगे होने की वजह से उपभोक्ता मूल्य सूचकांक बेस्ड प्राइज इनफ्लेशन रेट बढ़ गया है. यह दर पिछले महीने में 7.46% थी. हालांकि यह मुद्रास्फीति पिछले साल के जुलाई माह की अपेक्षा काफी कम है. यूपीए काल में वर्ष 2013 में जुलाई में यह दर बढ़कर 9.36 परसेंट हो गई थी जो जून 2013 में 7.97 परसेंट थी.

जुलाई में बढ़े सब्जियों के दाम

अगर सब्जियों के दामों में जुलाई महीने में आई बढ़त को देखेंगे तो यह बढ़त आपको चौंका सकती है. दरअसल जुलाई में सब्जियां पूरे साल की तुलना में 16.88 परसेंट मंहगी थीं. इसके साथ ही जून में यह दर 8.73 परसेंट थी. हालांकि इस आंकड़े की जुलाई 2013 के आंकड़े से तुलना की जाए तो इसमें भी इस साल हालात बेहतर नजर आते हैं. साल 2013 में फलों के दामों की तुलना इस वर्ष की दरों से करें तो यह दर 22.48 परसेंट होगी.

पिछले साल से बेहतर हालात

इन आंकड़ो के आधार पर कहा जा सकता है कि फूड इनफ्लेशन के हालात पिछले साल की तुलना में काफी बेहतर हैं. गौरतलब है कि फलों और सब्जियों के दामों में भी पिछले साल की तुलना में कमी देखी गई हैं.

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