इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के फैकेल्टी बोर्ड की मीटिंग में हुई मुद्दे की बात

ALLAHABAD: इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के फैकेल्टी ऑफ आर्ट में ट्यूजडे को लम्बे समय बाद फैकेल्टी बोर्ड की बैठक हुई। इसमें विभागों की समस्याओं और उनके विकास की जानकारी ली गई तथा अहम सुझाव दिये गये। च्वाईस बेस क्रेडिट सिस्टम की खामियों पर मंथन किया गया। कुछ डिपार्टमेंट हेड्स ने कहा कि च्वाईस बेस्ट क्रेडिट सिस्टम अपना तो लिया गया है, लेकिन इसे केवल सेमेस्टर की पढ़ाई में कन्वर्ट करके इतिश्री कर ली गई है। इसमें स्टूडेंट्स की च्वाईस स्टडी के कोई मायने नहीं रह गये हैं।

तीन माह में जमा करें थीसिस

मीटिंग में रिटायर्ड टीचर्स के शोध कार्य पर रोक की चर्चा में बताया गया कि यूजीसी की गाइडलाइन के आलोक में अब रिटायर्ड टीचर शोध नहीं करवा सकेंगे। कुछ समय पहले जारी सर्कुलर में कहा गया है कि रिटायर्ड टीचर्स के अंडर में रिसर्च कर रहे स्टूडेंट तीन माह में थीसिस जमा कर सकते हैं। इससे ऊपर की अवधि के स्टूडेंट को नया वर्किंग सुपरवाइजर एलॉट करने को कहा गया है।

पीजी प्रवेश पर जताई चिंता

खास बात यह कि फैकेल्टी बोर्ड की मीटिंग इलाहाबाद हाईकोर्ट से डीन आर्ट के पद से हटाने का आदेश पाने वाले प्रोफेसर केएस मिश्रा की अध्यक्षता में ही आहूत की गई। इसमें सभी हेड्स और कॉलेज के रिप्रेजेंटेटिव शामिल रहे। मीटिंग में कॉलेजेस को करेंट सेशन से एलॉट पीजी कोर्स पर चिंता व्यक्त की गई। कहा गया कि कॉलेजेस में पीजी प्रवेश इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की प्रवेश परीक्षा के बेस पर होगा या वे अलग से प्रवेश परीक्षा करवाएंगे। आश्चर्य जताया गया कि करेंट सेशन में कॉलेजेस में बिना किसी तैयारी के ही पीजी का प्रवेश ले लिया गया।

प्रो। वीसी को लेकर चर्चा तेज

इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में एकाएक प्रो। वीसी नियुक्त किये जाने की चर्चा भी तेज हो गई है। इससे विवि के टीचर्स भी भौचक्के हैं कि अभी तक जिस पद का कोई नाम लेने वाला नहीं था उस पर नियुक्ति की बात अचानक कहां से की जा रही है? वीसी प्रो। आरएल हांगलू के पद पर बने रहने को लेकर जारी कयासों के बीच एक बार फिर दिल्ली से बुलावा आने की बात कही जा रही है। हालांकि इसकी पुष्टि करने को कोई तैयार नहीं है।