सीबीएसई ने शिक्षकों की कमी के चलते लिया फैसला
नए एफिलिएशन नियमों के साथ स्कूलों को निर्देश जारी
>Meerut। अब रिटायर होने के बाद भी टीचर्स स्कूलों में पढ़ा सकेंगे। दरअसल, सीबीएसई ने यह नया निर्देश जारी किया है। इस नए प्रयोग में सीबीएसई ने टीचर्स के रिटायर होने की उम्र-सीमा ही खत्म कर दी है। अब टीचर्स अपनी इच्छा अनुसार स्कूलों में पढ़ा सकेंगे। इस नियम के बाद स्कूलों में जहां टीचर्स की कमी को काफी हद तक पूरा किया जा सकेगा। वहीं एजुकेशन क्वालिटी भी इंप्रूव होगी।
अनुभव से होगा फायदा
गौरतलब है कि पुराने टीचर्स को टीचिंग मैथड और सिलेबस का पूरा अनुभव होता है। इसके अलावा बोर्ड एग्जाम में भी वह बच्चों को अनुमान और अनुभव से बेहतर गाइडेंस दे सकते हैं। ऐसे में पुराने टीचर्स के अनुभव से स्कूल प्रबंधन और स्टूडेंट्स दोनों को ही काफी फायदा हो सकता है। इसके अलावा इस नियम के चलते ट्रेंड टीचर्स की कमी को भी पूरा किया जा सकेगा।
ये होगा फायदा
टीचिंग व एजुकेशन क्वालिटी इंप्रूव होगी।
अनुभवी टीचर्स से नए टीचर्स को सीखने के लिए मिलेगा।
बैलेंस ओपिनियन मिल सकेगा।
स्टूडेंट्स और टीचर्स को पुराने टीचर्स का बेहतर गाइडेंस मिल सकेगा
नए के मुकाबले पुराने टीचर्स को स्कूल माहौल में ढलने में वक्त नहीं लगेगा।
रिटायर हो चुके टीचर्स भी अब स्कूल में अप्लाई कर सकेंगे।
पहले क्या था नियम
सीबीएसई के पुराने नियमों के मुताबिक रिटायर होने की उम्र स्टेट वाइज 58 और 60 साल निर्धारित थी। इसके बाद भी अगर किसी टीचर या प्रिंसिपल को रिटायर होने के बाद एक्सटेंशन दिया जाता था तो यह एक-एक साल करके सिर्फ दो साल तक ही बढ़ाया जा सकता था। इसके लिए भी सीबीएसई से परमीशन लेना जरूरी होता था।
क्या हुआ बदलाव
नए नियम के मुताबिक रिटायरमेंट के लिए अब सीबीएसई से परमीशन लेने की आवश्यकता नहीं होगी। इसके अलावा टीचर्स और प्रिंसिपल के रिटायरमेंट की लिमिट एज भी नहीं रहेगी।
सीबीएसई की ओर से नियम लागू कर दिया गया है। इस नियम से स्कूल संचालक, स्टूडेंट्स, टीचर्स सभी को फायदा होगा।
राहुल केसरवानी, सहाेदय अध्यक्ष
सीबीएसई का यह अच्छा फैसला है। अच्छे टीचर्स की कमी को अब आसानी से पूरा किया जा सकता है।
डॉ। गोपाल दीक्षित, प्रिंसिपल, बीडीएस इंटरनेशनल स्कूल
स्टूडेंट्स को पुराने टीचर्स के एक्सपीरियंस से हमेशा ही फायदा होता है। इससे सभी को फायदा होगा।
प्रीति मल्होत्रा, प्रिंसिपल, द आर्यस स्कूल