RANCHI:खलारी सीमेंट कारखाना के अवकाशप्राप्त कामगार ग्रेच्युटी के लिए एकजुट होने लगे हैं। इस संबंध में खलारी की पूर्व मुखिया सह विधिक सेवा केंद्र की पारा लीगल वोलंटियर तेजी किस्पोट्टा की अध्यक्षता में सीमेंट कारखाने के रिटायर कामगारों की बैठक बुकबुका पंचायत भवन में हुई। इसमें प्रखंड प्रमुख सोनी तिग्गा, बुकबुका मुखिया सोमरी राम, पंसस मुन्ना देवी, सिन्नी समाड भी मौजूद थीं। बैठक में अवकाशप्राप्त कामगारों की ग्रेच्युटी भुगतान पर चर्चा करते हुए कहा गया कि रिटायरमेंट के बाद कामगारों का कोई बकाया नहीं दिया गया। ग्रेच्युटी, बची हुई छुट्टियों का बकाया सहित अन्य देय का भुगतान बाकी है। जब भी बकाया मांगा जाता है, तो प्रबंधन वित्तीय हालात का हवाला देता है। कंपनी के स्थानीय अधिकारियों की भूमिका अच्छी नहीं है। कहा गया कि बकाया देने के बजाय कंपनी झूठे मुकदमें में कामगारों को फंसा रही है, ताकि कामगार उसी में उलझे रहें। कामगारों को परेशान करने में प्रबंधन पुलिस से लेकर सरकारी महकमे में अपनी मजबूत पकड़ का दुरुपयोग कर रहा है। कामगारों ने कहा कि उन्हें सरकार और देश के कानून पर भरोसा है। तय हुआ कि जल्द ही कामगारों का एक प्रतिनिधि मंडल मुख्यमंत्री दरबार में जाकर अपनी बात रखेगा। जरूरत पड़ी तो आंदोलन को राजधानी की सड़कों तक ले जाया जाएगा। प्रमुख सोनी तिग्गा ने कहा कि ये कामगार नौकरी करने में अपनी पूरी उम्र बिता दिए और रिटायरमेंट के बाद इन्हें परेशान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि रिटायरमेंट के बाद मिलने वाला पैसा जीने का एक सहारा होता है। इन कामगारों को हक दिलाने के लिए सभी जनप्रतिनिधि एकजुट होकर लड़ाई लड़ेंगे। मुखिया सोमरी राम ने कहा कि पंचायती राज के अंतर्गत हमलोग कानूनी लड़ाई लड़ेंगे। बैठक में काफी संख्या में कामगार उपस्थित थे।

कमिटी का गठन

अपनी लड़ाई के लिए रिटायर कामगारों ने एक कमिटी का गठन किया, जिसमें संरक्षक प्रखंड प्रमुख सोनी तिग्गा, जिप सदस्य अब्दुल्ला अंसार रतिया गंझू, मुखिया सोमरी राम, पूर्व मुखिया तेजी किस्पोट्टा, अध्यक्ष गुलाम मोहम्मद, सचिव गुलाम हुसैन, उपाध्यक्ष मदन वर्मा, संयुक्त सचिव करमा लोहरा, कोषाध्यक्ष आले रसूल, सह सचिव मुरारी राम सहित कार्यकारिणी सदस्यों में रामप्रीत यादव, मुमताज खान, शंभू सिंह, जीतू उरांव, विन्घ्याचल राम, फखरूद्दीन, मदनमोहन श्रीवास्तव, मोहन ठाकुर, महंगू उरांव, रामकेश्वर, राजेश लकड़ा, बुद्धिनाथ, सुकरा उरांव, शेख मजीद, रामायण मिस्त्री आदि शामिल हैं।