- बसों की वापसी के आदेश जारी

घोटाले की टाइमलाइन

- 19 अक्टूबर को नई बसों का पहला लॉट पहुंचा

- 3 नवंबर को ही दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने किया था खुलासा

- 17 नवंबर को नैनबाग रूट की बस का गियर लीवर टूटा

- 18 नवंबर को हल्द्वानी डिपो की बस का गियर लीवर टूटा

- 26 नवंबर को हल्द्वानी डिपो की ही दूसरी बसे का गियर टूटा

- 27 नवंबर को एमडी रोडवेज ने बसों का संचालन रुकवाया

- 29 नवंबर को आखिरी बसों का लॉट पहुंचा था देहरादून, अनएक्सेप्ट

- 5 दिसंबर को विधानसभा सत्र में उठा मुद्दा

- 14 दिसंबर को सीआईआरटी की टीम पहुंचे इंस्पेक्शन के लिए

- 15 दिसंबर को बसेज वापस लौटाने का आदेश जारी

देहरादून।

रोडवेज में धांधली की नई बसों का लश्कर वापस होगा। बसेज में टेक्निकल फॉल्ट्स को देखते हुए एमडी ने ये आदेश जारी किए हैं। मंडे से टाटा कंपनी की इन बसेज को वापस भेजना शुरू किया जाएगा। सेंट्र्ल इंस्टीट्यूट ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट (सीआईआरटी) की स्पेशलिस्ट टीम ने दो दिन तक बसेज का इंस्पेक्शन कर उन्हें संचालन के लायक नहीं बताया। कई टेक्निकल फॉल्ट ऐसे हैं जो पैसेंजर्स की सेफ्टी के लिए भी घातक हैं। ऐसे में बसेज वापस किए जाने का ऑर्डर जारी कर दिया गया है।

सीआईआरटी ने किया इंस्पेक्शन

रोडवेज की नई 150 बसेज के इंस्पेक्शन के लिए सैटरडे को सेंट्रल इंस्ट्ीट्यूट ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट (सीआईआरटी) पुणे की टीम दून पहुंची थी। सैटरडे को पूरे दिन टीम ने बसेज का बारीकी से टेक्निकल इंस्पेक्शन किया। खासतौर से उन तीन बसों का जिनके गियर लीवर एक माह से भी कम समय में ही टूट गए थे। टीम में की टीम देहरादून पहुंची थी।

साइंटिस्ट और इंजीनियर टीम में

इंस्पेक्शन टीम में सीआईआरटी के सेफ्टी एंड होमोलोगेशन हेड एसएन ढोले, व साइंटिस्ट एसएन गत्ते ने बसेज का टेक्निकल इंस्पेक्शन किया। इंस्पेक्शन के दौरान टाटा मोटर्स के हेड (फील्ड सर्विस) संदीप भारद्वाज, चीफ इंजीनियर एसबी पाठक भी मौजूद रहे। इसके साथ ही रोडवेज से एमडी रणवीर सिंह चौहान, जीएम दीपक जैन, एजीएम निधि यादव के समक्ष टेक्निकल इंस्पेक्शन किया गया।

संडे को सौंपी इंस्पेक्शन रिपोर्ट

सीआईआरटी की ओर से संडे को टेक्निकल इंस्पेक्शन की रिपोर्ट रोडवेज एडमिनिस्ट्रेशन को सौंपी गई। इसमें सबसे बड़ा फॉल्ट गियर लीवर का दोषपूर्ण डिजाइन ही सामने आया जो पैसेंजर्स सेफ्टी के लिए भी खतरनाक है। गियर लीवर के मॉडल, लोकेशन को टीम ने खतरनाक बताया है। टीम ने कई और फॉल्ट भी चिन्हित किए और इन बसेज का संचालन रोकने की एडवाइस दी।

दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने किया था खुलासा

रोडवेज के बेड़े में शामिल की गई इन बसेज में टेक्निकल फॉल्ट का खुलासा सबसे पहले दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने किया था। हमने बताया था कि किस तरह रोडवेज को आउटडेटेड मॉडल की बसें डिलीवर कर दी गई थीं। गियर लीवर को उठाए गए दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के सवाल सही साबित हुए। एक एक कर जब तीन बसेज के गियर लीवर टूट गए तो रोडवेज एडमिनिस्ट्रेशन ने सुध ली। तत्काल बसों का संचालन रोका गया और थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन के ऑर्डर किये गये। थर्ड पार्टी ने कई फॉल्ट पकड़े और बसों को संचालन के लायक नहीं बताया ऐसे में अब इन्हें वापस किया जा रहा है।

टीम ने पकड़े टेक्निकल फॉल्ट

- गियर लीवर का डिजाइन दोषपूर्ण।

- ड्राइवर के लिए भी असुविधाजनक है गियर लीवर।

- इमरजेंसी क्लियरेंस बटन ड्राइविंग सीट के पास नहीं।

- इमरजेंसी किलयरेंस बटन को ड्राइवर के पास लगाने के निर्देश दिए।

- ड्राइविंग साइड के डोर की स्टेप की लम्बाई मिली कम।

एमडी ने जारी किए आदेश

थर्ड पार्टी टेक्निकल इंस्पेक्शन के बाद सामने आए फॉल्टस को देखते हुए रोडवेज के एमडी रणवीर सिंह चौहान द्वारा टाटा कंपनी की सभी 150 नई बसेज को वापस लौटाने का आदेश जारी किया गया है। मंडे से बसों को वापस भेजने की कार्यवाही शुरू की जाएगी।

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सीआईआरटी टीम द्वारा किए टेक्निकल इंस्पेक्शन में कई खामियां मिली हैं। बसेज को मंडे से वापस गोवा भेजना शुरू किया जाएगा। कंपनी इन बसेज को दुरुस्त और सिक्योर करके वापस देगी।

- रणवीर सिंह चौहान, एमडी, यूटीसी

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रोडवेज की इन नई बसों के गियर लीवर टूटने के कारण बसों का संचालन रोक कर थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन कराया गया। बसेज में कई टेक्निकल फॉल्ट पाए गए हैं, ऐसे में सभी बसें कंपनी को वापस की जा रही हैं। हम पैसेंजर्स की जान से खिलवाड़ नहीं कर सकते।

यशपाल आर्य, ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर, उत्तराखंड।