- सीए इंस्टीट्यूट की तरफ से इनकम टैक्स और जीएसटी पर हुआ सेमिनार, समस्याओं पर हुई चर्चा

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PRAYAGRAJ:

इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया की प्रयागराज शाखा द्वारा आयकर और जीएसटी पर सेमिनार का आयोजन शनिवार को सिविल लाइंस स्थित एक होटल में किया गया। जिसमें संयुक्त आयकर आयुक्त रेंज-2 एसके राय चीफ गेस्ट के रूप में मौजूद रहे। इस दौरान देशभर से आए चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ने पार्टिसिपेट किया। इसमें जीएसटी और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से जुड़े कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर विस्तार से चर्चा हुई।

रिटर्न टाइमली जमा करना करदाता की जिम्मेदारी

पूर्व केंद्रीय परिषद सदस्य, आईसीएआई संजय अग्रवाल ने कहा कि हर तरह के रिटर्न को टाइमली भरना और टैक्स जमा करना प्रत्येक कर दाता की जिम्मेदारी है। सीए जतिन हरजाई ने कहा कि यदि एक पंजीकृत कर योग्य व्यक्ति नोटिस मिलने के बाद भी अपना रिटर्न दाखिल नहीं करता है, तो उचित अधिकारी उपलब्ध प्रासंगिक सामग्री का उपयोग करते हुए अपने निर्णय के सर्वश्रेष्ठ के लिए कर देयता का आकलन करेंगे। कोषाध्यक्ष सीए अतुल मिश्रा ने धन्यवाद ज्ञापन दिया। सीए गौरव अग्रवाल ने आये हुए चार्टर्ड एकाउंटेंट का वेलकम किया। उपाध्यक्ष एवं सचिव सीए दिव्या चंद्रा ने कार्यक्रम का संचालन किया। इस अवसर में प्रयागराज के सभी चार्टर्ड एकाउंटेंट्स की सदस्य निर्देशिका का तीसरा संस्करण भी प्रकाशित किया गया।

रिटर्न और टैक्स में हुई गलती तो फिर ये है सजा-

1. कर का भुगतान करने में डिफॉल्ट दंडनीय देय की राशि निर्धारण अधिकारी द्वारा निर्धारित की जाएगी।

2. आय की रिपोर्टिंग के तहत यदि निर्धारिती द्वारा घोषित आय, मूल्यांकन -पुनर्मूल्यांकन आय से अधिक है, या ऐसे मामलों में जहां रिटर्न दाखिल नहीं किया गया है और आय मूल छूट सीमा से अधिक है, तो रिपोर्ट की गई आय के तहत देय कर के 50 परसेंट पर जुर्माना लगाया जाएगा।

3. आम तौर पर जुर्माने की राशि 25,000 है। अगर निर्धारित अंतर्राष्ट्रीय लेनदेन किया है, ऐसे अंतर्राष्ट्रीय लेनदेन या निर्दिष्ट लेनदेन के मूल्य का दो परसेंट जुर्माना होगा