- अंतर्राष्ट्रीय कानून के अनुपालन को लेकर गंभीर नहीं हैं कई देश

- विभिन्न देशों के रिप्रजेंटेटिव्स ने कई अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर की चर्चा

- एयू आयोजित मॉडल सभा में एलएलबी स्टूडेंट्स ने क्रिएट किया यूएनओ मीटिंग का सिनेरियो

<- अंतर्राष्ट्रीय कानून के अनुपालन को लेकर गंभीर नहीं हैं कई देश

- विभिन्न देशों के रिप्रजेंटेटिव्स ने कई अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर की चर्चा

- एयू आयोजित मॉडल सभा में एलएलबी स्टूडेंट्स ने क्रिएट किया यूएनओ मीटिंग का सिनेरियो

ALLAHABAD: allahabad@inext.co.in

ALLAHABAD: अपनी अपनी बॉडी लैंग्वेज। बातचीत का भी अपना अपना अंदाज। राष्ट्र प्रतिनिधियों से भरपूर सभा में चल रहा था इंटरनेशनल इश्यूज पर बहस व मंथन का दौर। किसी इश्यू पर कोई सहमत था तो कोई असहमत। ऐसा लग ही नहीं रहा था कि यह एक मॉडल सभा है। इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में आर्गनाइज संयुक्त राष्ट्र संघ की माडल सभा में बीएएलएलबी के स्टडेंट्स सशक्त राष्ट्र प्रतिनिधियों की भूमिका अदा की।

सभा में चालीस मुल्कों के पार्टिसिपेशन का सिनेरियो तैयार किया गया था।

चला सहमति व असहमति का दौर

लॉ फैकेल्टी स्थित एलएलटी हाल में आयोजित संयुक्त राष्ट्र संगठन की मॉडल महासभा में चर्चा का टॉपिक 'शरणार्थी एवं राज्य विहीन व्यक्तियों का अधिकार' रखा गया। इस संबंध में अंतराष्ट्रीय स्तर पर बनें कानूनों के अनुपालन को लेकर विरोधाभास की स्थिति देखने को मिली। महासभा की इस बैठक का आयोजन अंकिता मिश्रा ने किया। जिसकी अध्यक्षता पल्लवी शाही एवं शुभम श्रीवास्तव ने की।

होगी वोटिंग, जारी होगा यूएन चार्टर

सभा में स्टूडेंट्स ने ठीक उसी तरह से प्रजेंटेशन दिया जैसे किसी विवादित मुद्दे को लेकर यूएनओ की बैठक में बहस होती है। इसमें शामिल सभी देश इस बात को लेकर एकमत दिखे कि शरणार्थियों एवं राज्य विहीन व्यक्तियों के लिए बने इंटरनेशनल लॉ का पालन सभी जगहों पर नहीं किया जा रहा। सभी जगहों पर फ्लैक्सिबल तरीके से इसे अपनाया जा सके, इसके लिए थर्सडे को वोटिंग करवाई जाएगी। जिसके बाद यूएन चार्टर जारी किया जाएगा। जिसे मानने के लिए सभी देश बाध्य होंगे।

इंटरनेशनल प्रेस ने की मध्यस्थता

उधर, स्टूडेंट्स की ओर से सुरक्षा परिषद की बैठक भी आहूत की गई। जिसमें अमेरिका, इंग्लैंड, रूस, चीन, फ्रांस सहित पन्द्रह देशों ने भाग लिया। इसमें गैर राज्य सैन्य संगठनों की धमकी पर प्रतिबन्ध लगाने एवं विद्रोही बल का एकजुट होकर मुकाबला करने पर सहमति बनीं। स्टूडेंट्स ने एक कंट्री से दूसरी कंट्री के बीच वार्ता के लिए इंटरनेशनल प्रेस समिति भी बना रखी थी। जिसका नेतृत्व पीयूष कुमारेंद्र, उत्कर्ष श्रीवास्तव, वर्षा सिंह, रत्नेश कुमार ने किया।

- कानून की पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स के बीच किसी बड़े इश्यू पर इस तरह के आयोजन से उनकी स्टडी मजबूत होती है। कई बातें ऐसी होती हैं जो चर्चा के बीच ही निकलकर सामने आती हैं।

पीयूष कुमारेंद्र, प्रेसिडेंट इंटरनेशनल प्रेस कमेटी

मजेदार कार्यक्रम रहा। संयुक्त राष्ट्र कामॉडल बनाना और उसे पेश करना किसी सपने के सच होने जैसा है। इसका एक्सपीरियंस गजब का रहा है। सीनियर्स और जूनियर्स सभी ने इसे खूब एन्ज्वाय किया।

रत्नेश कुमार, स्टूडेंट बीएएलएलबी

- हमने सबकुछ यूनाइटेड नेशन की तर्ज पर ही डेवलप किया। जिससे कहीं से भी यह बनावटी न लगे। बचा काम पार्टिसिपेंट्स ने पूरा किया। उन्होंने आयोजन में जान फूंक दी।

उत्कर्ष श्रीवास्तव, स्टूडेंट बीएएलएलबी