RANCHI: रिम्स के डायरेक्टर डीके सिंह ने गुरुवार को इमरजेंसी से लेकर नए ट्रामा सेंटर तक का इंस्पेक्शन किया। इस दौरान उन्होंने कई चीजों में तत्काल सुधार करने का निर्देश दिया। साथ ही कहा कि मरीजों को हॉस्पिटल में बेहतर सुविधा देने के लिए जो भी संभव होगा करेंगे। वहीं नए ट्रामा सेंटर में किए गए काम और प्रोडक्ट क्वालिटी पर उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि कई चीजें तो काम चलने लायक भी नहीं हैं। ऐसे में इन चीजों को कैसे लगा दिया गया। वहीं काम कर रही एजेंसी के स्टाफ्स तो डायरेक्टर के सवालों का स्पष्ट जवाब भी नहीं दे सके।

बिना डिस्कशन कंस्ट्रक्शन

सुपरस्पेशियलिटी बिल्डिंग के सामने नया ट्रामा सेंटर बनकर तैयार है। लेकिन अब भी इसका लाभ लेने के लिए मरीजों को इंतजार करना पड़ेगा। चूंकि हॉस्पिटल में बिना डिस्कशन के ही कंस्ट्रक्शन का काम कर दिया गया है। इससे डॉक्टरों के साथ ही काम करने वाले स्टाफ्स को भी परेशानी झेलनी पड़ेगी। ऐसे में डायरेक्टर ने कई चीजों में बदलाव कराने का आदेश सुपरिंटेंडेंट को दिया।

छोटा डॉक्टर ड्यूटी रूम

इंस्पेक्शन के दौरान जब वह डॉक्टर ड्यूटी रूम देखने पहुंचे तो उनके होश उड़ गए। उन्होंने कहा कि यह तो वाशरूम से भी छोटा है। ऐसे में उन्होंने डॉक्टरों के लिए भी दूसरी जगह देने को कहा। वहीं आपरेशन थिएटर के पास स्क्रब स्टेशन बनाने का आदेश दिया। इससे पहले डॉ। मांझी ने बताया कि आपरेशन थिएटर में कहीं भी वाश बेसिन नहीं है।

हर बेड पर ऑक्सीजन की लाइन

ट्रामा सेंटर में गैस पाइपलाइन की व्यवस्था देख उन्होंने कहा कि आक्सीजन के लिए दो पाइपलाइन होनी चाहिए। ताकि इमरजेंसी में अगर एक फेल हो जाए तो दूसरा काम करे। इससे मरीज को कोई दिक्कत नहीं होगी। वहीं सेंटर में एक लिक्विड आक्सीजन टैंक बनवाने का आदेश दिया ताकि सिलेंडर लगाने की टेंशन नहीं होगी। केवल इमरजेंसी में सिलेंडर से काम लिया जाएगा।

छोटा है सीटी स्कैन रूम

सेंटर में सीटी स्कैन मशीन के लिए एक रूम बनाया गया है। लेकिन उसका साइज और एंट्रेंस देख डायरेक्टर चौंक गए। उन्होंने कहा कि इसमें सीटी स्कैन मशीन कहां से आएगी। एक तो रूम छोटा है ऊपर से एंट्रेंस भी ज्यादा बड़ा नहीं है। इसके बाद रेडियोलॉजी डिपार्टमेंट के हेड को बुलाकर पूछताछ की गई कि आखिर इस छोटी सी जगह में मशीन कैसे फिट आएगी। वहीं एजेंसी के साथ ही सुपरिंटेंडेंट से भी कहा कि बिल्डिंग हैंडओवर से पहले सभी चीजें चेक कर लें।

जन औषधि केंद्र में भीड़ क्यों नहीं

कैंपस में एंबुलेंस रूम के पास स्थित जन औषधि केंद्र में जाकर दवा के बारे में जानकारी ली। वहीं संचालक से पूछा कि केंद्र में मरीजों की भीड़ क्यों नहीं है। इस पर संचालक ने मैनपावर की कमी बताई। वहीं बताया कि एजेंसी को दवा की सप्लाई के लिए लिखा गया है। लेकिन वे दवा की रेगुलर सप्लाई नहीं करते। इस वजह से मरीजों को लौटना पड़ता है। इसके बाद उन्होंने दवाई दोस्त में जाकर भी दवाओं की उपलब्धता के बारे में पूछताछ की।