RANCHI : रिम्स के डॉक्टरों को हाईकोर्ट के आदेश की भी कोई परवाह नहीं है। अदालत ने सरकारी अस्पतालों में जेनरिक दवा लिखने को कहा था, ताकि मरीजों को कम कीमत में दवा सुलभ हो सके, पर रिम्स में जेनरिक दवा प्रेस्क्राइब करना डॉक्टर मुनासिब नहीं समझते हैं। इतना ही नहीं, मरीजों को उसी कंपनी का दवा लाने के लिए बाध्य किया जा रहा है, जो डॉक्टर ने पर्ची में लिखी है। अगर कोई मरीज बाहर के दुकान से खरीदकर जेनरिक दवा लाता है तो उसका इलाज करने से डॉक्टर्स इंकार कर देते हैं। इतना ही नहीं, यहां दवा अवेलेबल होने के बाद भी मरीजों को बाहर से दवा परचेज करने के लिए मजबूर किया जा रहा है।

नहीं लगाया इंजेक्शन

रिम्स के मेडिसीन वार्ड में एडमिट कुछ पेशेंट को डॉक्टर उमेश प्रसाद ने एसी जोन इंजेक्शन लिखा। नर्स के मुताबिक, इस कंपोजिशन का इंजेक्शन अस्पताल में अवेलेबल है, लेकिन डॉक्टर ने मरीज को वह इंजेक्शन लगाने से इंकार कर दिया। मरीज को इसी कंपनी का इंजेक्शन बाहर के दुकान से परचेज कर लाने को कहा गया। मरीज के परिजन जब इसी कंपोजिशन का जेनरिक इंजेक्शन लेकर आए तो उन्हें इसे वापस कर सी एलियन कंपनी का ही इंजेक्शन लाने को कह दिया गया। गौरतलब है कि सी एलियन कंपनी के इंजेक्शन की कीमत 320 रुपए है, जबकि इसी कंपोजिशन की जेनरिक इंजेक्शन मात्र 46 रुपए में मिलती है।

जेनरिक इंजेक्शन को करा दिया वापस

विजय पांडेय के मुताबिक, उनके पिता का इलाज डॉ उमेश प्रसाद की यूनिट में चल रहा है। डॉक्टर ने सी एलियन कंपनी का इंजेक्शन पर्ची में लिखा था। जब बाहर के दुकान से इसी कंपोजिशन का जेनरिक इंजेक्शन लेकर आए तो उसे वापस लौटाने को कह दिया गया। यह इंजेक्शन 46 रुपए में मिला था, पर सी एलियन का इंजेक्शन के लिए 320 रुपए देने पड़ गए। हर दिन तीन इंजेक्शन लगना है। आखिर हम क्या करें।

एक ही कंपनी का इंजेक्शन कर रहे प्रेस्क्राइब

राजू चौधरी ने भी अपने परिजन को उमेश प्रसाद के यूनिट में भर्ती कराया है। उन्हें भी सी एलियन कंपनी का ही इंजेक्शन लिखा गया। जब वे जेनरिक इंजेक्शन लेकर डॉक्टर के पास गए तो उन्होंने मिलने से इंकार कर दिया। उन्हें सी एलियन कंपनी का ही इंजेक्शन लाने को कह दिया गया।

मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ एसके चौधरी से सवाल-जवाब

सवाल : मेडिसीन वार्ड में दो मरीजों की पर्ची में जो इंजेक्शन लिखा गया, उसी कंपोजिशन का जेनरिक इंजेक्शन यहां अवेलेबल है, फिर भी मरीज को बाहर से ही इंजेक्शन खरीदने को क्यों कहा गया ?

जवाब : यह तो डॉक्टर ही ज्यादा अच्छी तरह से बता सकेंगे कि आखिर क्यों मरीज को बाहर से इंजेक्शन परचेज करने को कहा गया।

सवाल : नर्स का भी यह कहना था कि इस कंपोजिशन का इंजेक्शन अवेलेबल है, फिर भी डॉक्टर्स उसे क्यों प्रेस्क्राइब नहीं करते हैं ?

जवाब : डॉक्टर ने किस परिस्थिति में बाहर से दवा लाने को कहा, यह मैं नहीं बता सकता हूं। इस बारे में डॉक्टर से बात की जाएगी।