-नगर निगम की पार्किंग में 5 जबकि रिम्स में बाइक के लिए 10 रुपए

-बिना टेंडर के ही हो रहा है पार्किंग का संचालन

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RANCHI (): राजधानी में एक पार्किग रेट लागू कराने को लेकर नगर निगम रेस है। इसके तहत नगर निगम की पार्किग में तो चार्ज भले ही कम हो गया है लेकिन रिम्स की पार्किग लोगों को महंगी पड़ रही है। हालत यह है कि पार्किग में गाड़ी खड़ी करने वालों को दोगुना चार्ज देना पड़ रहा है। इसका खामियाजा रिम्स में इलाज के लिए आने वाले मरीजों के परिजन भुगत रहे हैं, जबकि रिम्स पार्किग का टेंडर भी आजतक नहीं हो पाया है।

ओनर को देख मनमानी वसूली

नगर निगम ने गाडि़यों की पार्किग के लिए रेट तय कर दिया है। वहीं मॉल और मार्केटिंग कांप्लेक्स को भी वही रेट लागू करने को कहा गया है। इसके तहत बाइक की पार्किग के लिए 5 रुपए तय है। जिसकी वैलिडिटी तीन घंटे है। जबकि कार के लिए तीन घंटे का 20 रुपए चार्ज है। लेकिन रिम्स पार्किग में बाइक के 10 और कार के लिए तीस रुपए लिए जा रहे है। उसमें भी कोई टाइम तय नहीं किया गया है। ओनर को देखते हुए उससे मनमाना चार्ज ले लिया जाता है।

बिना टेंडर चल रहा पार्किग

हॉस्पिटल में इमरजेंसी के सामने ही अवैध पार्किग का संचालन हो रहा है। जहां से हर महीने लाखों रुपए की कमाई भी होती है। जिससे न तो रिम्स प्रबंधन को एक रुपए फायदा होता है और न ही हॉस्पिटल के लिए ये लोग कोई मदद करते है। इसके बावजूद इनपर कोई कार्रवाई भी प्रबंधन की ओर से नहीं की जाती है। जबकि रिम्स गवर्निग बॉडी में भी इस मामले को उठाया गया था।

बॉक्स।

अपनी पार्किग को चालू कराने में प्रबंधन फेल

कैंपस में 2017 में मल्टी स्टोरेज पार्किंग का उद्घाटन तो सीएम के हाथों करा दिया गया। जिसका निर्माण 16.56 करोड़ रुपए की लागत से कराया गया है। इस पार्किग में एक साथ साढ़े तीन सौ गाडि़यां पार्क की जा सकती है। लेकिन आजतक इसमें बाहर की गाडि़यां ही नहीं लगाई गई। अब तो यह पार्किग रिम्स का स्टोर बन गया है। जहां नए शव वाहन के अलावा अन्य गाडि़यों को रखा गया है। जिससे समझा जा सकता है कि प्रबंधन अपनी ही पार्किग को चालू कराने में फेल हो गया। इस वजह से हॉस्पिटल में बेतरतीब गाडि़यों के लगने का सिलसिला जारी है।

फिगर स्पीक्स

-300 से अधिक बड़ी गाडि़यों की कैपेसिटी

-200 टू व्हीलर्स भी हो सकते है पार्क

-350 के करीब है डॉक्टरों की गाडि़यां

-250 से अधिक लगते है स्टाफ्स के बाइक

-800 गाडि़यां लगती है कैंपस में