RANCHI: रिम्स में भी अब रिनपास की तर्ज पर साइकियाट्री का अलग डिपार्टमेंट होगा, जहां मेंटली बीमार लोगों का इलाज होगा। इतना ही नहीं, उनके लिए इनडोर की भी व्यवस्था होगी। इससे एक ओर जहां मरीजों को बेहतर इलाज मिल सकेगा। वहीं, रिम्स में साइकियाट्री पर रिसर्च भी किए जा सकेंगे। इसका फायदा मरीजों के साथ ही डॉक्टर्स को भी मिलेगा। रिम्स गवर्निग बॉडी की मीटिंग में अलग बिल्डिंग बनाने को लेकर सहमति बन गई है। इसके लिए प्रस्ताव भी तैयार करने को कहा गया है।

फैकल्टी की बढ़ेगी संख्या

हॉस्पिटल में साइकियाट्री डिपार्टमेंट में फैकल्टी की कमी है। इस वजह से मरीजों को इलाज कराने में देर तक इंतजार करना पड़ता है। वहीं काउंसेलिंग से लेकर इलाज की जिम्मेवारी भी डॉक्टर्स पर ही है। ऐसे में जीबी ने तत्काल प्रभाव से फैकल्टी की संख्या बढ़ाने को कहा है ताकि मरीजों को साइकियाट्रिस्ट ज्यादा टाइम दे सकेंगे। साथ ही उन्हें बेहतर इलाज की भी सुविधा मिलेगी।

ओपीडी में हर माह 1500 मरीज

साइकियाट्री ओपीडी में हर दिन 50 से अधिक मरीज आते हैं, जिनकी काउंसेलिंग के बाद इलाज शुरू किया जाता है। वहीं गंभीर मरीजों की स्थिति देखते हुए तुरंत उन्हें रिनपास या सीआईपी रेफर भी कर दिया जाता है। चूंकि वहां पर मरीजों को एडमिट कर इलाज की व्यवस्था है। रिम्स में इनडोर शुरू होने से मरीजों को रेफर करने की जरूरत नहीं होगी। साथ ही रिनपास और सीआईपी पर भी मरीजों का थोड़ा लोड कम होगा।

24 घंटे मिलेंगे डॉक्टर-स्टाफ

अभी रिम्स का ओपीडी सुबह 9 से शाम को पांच बजे तक होता है। इसके बाद आने वाले मरीजों को सुबह का इंतजार करने के अलावा दूसरा कोई चारा नहीं होता। वहीं इंतजार नहीं करने वाले मरीज को लेकर रिनपास चले जाते हैं। ऐसे में 24 घंटे डॉक्टर व स्टाफ के रहने से मरीजों को काफी राहत मिलेगी। वहीं इलाज के लिए सिटी से छह किलोमीटर दूर भी जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

वर्जन

अलग विभाग बनाने को लेकर सहमति बनी है। इस पर जल्द ही काम शुरू होगा। इलाज के लिए आने वाले मरीजों को राहत मिलेगी। इनडोर होने से मरीजों को हम और भी बेहतर सर्विस दे सकेंगे।

डॉ। डीके सिंह, डायरेक्टर, रिम्स