- 4 कैटेगरी में फैंसी नंबर को बांटा
- 15 हजार के नंबर को तीन हजार जाम करने होते थे
- 33 हजार रुपये अब बेस प्राइज जमा करना होता है
- 1 लाख से ऊपर की बोली लगानी होती है
- 50 हजार और एक लाख रुपए वाले नंबरों के लिए अब नहीं आ रहे आवेदन
- करोड़ों की गाड़ी लेने वाले भी नहीं ले रहे वीआईपी नंबर
LUCKNOW: जैसे ही फैंसी नंबरों के दाम आसमान पर पहुंचे, वैसे ही शहर में महंगी और लग्जरी गाडि़यां रखने वालों की भी वीआईपी बनने की चाहत खत्म हो गई। हालांकि यह व्यवस्था परिवहन विभाग ने अपनी सुविधा को बेहतर बनाने के लिए शुरू की, लेकिन अब यह उसी के गले की फांस बन गई। परिवहन विभाग ने आय बढ़ाने के लिए फैंसी नंबरों की ऑनलाइन नीलामी शुरू की, लेकिन अब लोग इसमें हिस्सा नहीं ले रहे हैं। आरटीओ ऑफिस के अधिकारियों के अनुसार लोग मर्सिडीज बेंज जैसी गाडि़यां खरीद रहे हैं, लेकिन महंगे नंबर अलॉट कराने से कतरा रहे हैं। प्राइवेट वाहन मालिकों को ही फैंसी नंबर लेने की छूट है।
इसलिए बढ़ाई गई कीमतें
परिवहन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि ऑनलाइन नीलामी पहले पुरानी कीमतों पर होती थी। फैंसी नंबरों को 4 कैटेगरी में बांटा गया है, जिस कैटेगरी का नंबर लेना हो, उसके लिए बोली लगानी होती थी। ऑनलाइन बोली लगाने के लिए आवेदक को एक तिहाई धनराशि परिवहन विभाग के खाते में जमा करनी होती है। ऐसे में 15 हजार के नंबर के लिए बोली लगाने के लिए तीन हजार रुपए जमा करने होते थे। इसके बाद जिसकी बोली सबसे अधिक होती थी, उससे बकाया धनराशि लेकर नंबर अलॉट कर दिया जाता था और अन्य आवेदकों की धनराशि उनके अकाउंट में ट्रांसफर कर दी जाती थी।
बोली तो ऊंची लगाते पर नंबर लेने नहीं आते
पुरानी कीमतों पर बेस प्राइज जमा कर कई बार आवेदकों ने तीन लाख रुपए तक बोली लगा दी, लेकिन नंबर लेने नहीं आए। ऐसे लोगों के तीन हजार रुपए भी जब्त कर लिए गए, लेकिन जब यह बार-बार होने लगा तो परिवहन विभाग ने ए सीरीज में शामिल नंबरों का दाम बढ़ा कर एक लाख रुपए कर दिया। ऐसे में इस सीरीज के लिए ऑनलाइन बोली लगाने के लिए आवेदक को पहले 33 हजार रुपए जमा करने होते हैं और एक लाख से ऊपर की बोली लगानी होती है। जब से इनकी कीमत बढ़ी है तब से लोग बेस प्राइज तक भी नहीं पहुंच रहे हैं।
बिक रही महंगी गाडि़यां, लेकिन नंबर आर्डिनरी
आरटीओ ऑफिस के अनुसार पुरानी कीमतों के दौरान फैंसी नंबरों के लिए 150 लोग ऑनलाइन अपने फेवरेट नंबर की बुकिंग कराते थे, लेकिन जब से नंबर महंगे हुए हैं तब से लोग नंबरों के लिए ही नहीं आ रहे हैं। यह आलम तब है जब मार्केट में महंगी गाडि़यां बिक रही हैं। लोग वाहनों पर दिल खोल कर 25 लाख से एक करोड़ तक खर्च रहे हैं, लेकिन इन वाहनों में नंबर लोग साधारण ही ले रहे हैं। नंबर के लिए वे अतिरिक्त धनराशि नहीं खर्च करना चाहते। फैंसी नंबरों की सीरीज में शामिल 346 नंबरों में दो या चार आवेदक ही आ रहे हैं।
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पहले आओ पहले पाओ
फैंसी नंबरों की ऑनलाइन नीलामी में यदि आवेदक नहीं आते हैं तो उन्हें पहले आओ पहले पाओ के आधार पर नंबर दिया जाता है, लेकिन इसके लिए भी वाहन मालिक को बेस प्राइज का भुगतान करना होगा।
कोट
फैंसी नंबरों के प्रति दीवानगी लगातार कम होती जा रही है। इन नंबरों की ऑनलाइन नीलामी में 50 से 60 लोग ही हिस्सा ले रहे हैं। वह भी नंबर छोड़ रहे हैं। जिन नंबरों की कीमत एक लाख, 50 हजार है, उनकी बोली कोई नहीं लगा रहा है। हर बार नंबरों की सीरीज में फैंसी नंबर छूट रहे हैं। पिछली दो सीरीज में कई नंबर अब तक अलॉट नहीं हो सके हैं।
विनय कुमार सिंह
अपर परिवहन आयुक्त आईटी सेल
चार नंबरों में बंटे हैं फैंसी नंबर
उनकी कीमतें
क्लास नई कीमत पुरानी कीमत
फोर व्हीलर टू व्हीलर
ए। 1,00,00 20000 15000
बी। 50000 10,000 7500
सी। 25000 5000 5000
डी। 15000 3000 3000
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ए ग्रुप के इन नंबरों होती थी खूब डिमांड
0001, 0002, 0004, 0005, 0006, 0007, 0008, 0009, 0010, 1111, 2222, 4444, 5555, 6666, 7777, 8888, 9999, 0786
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फैंसी नंबरों के लिए आज से कराए रजिस्ट्रेशन
ट्रांसपोर्टनगर स्थित नए नंबर यूपी 32 एलबी के लिए सीरीज बुधवार से खुलेगी। इसके साथ ही फैंसी नंबरों के लिए ऑनलाइन नीलामी भी शुरू होगी। फैंसी नंबरों की चाहत रखने वाले 13 से 16 नवंबर तक रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। उसके बाद 17 से 19 के बीच फैंसी नंबरों की ऑनलाइन नीलामी में बोली लगा सकेंगे। यह जानकारी सहायक संभागीय अधिकारी प्रशासन संजय तिवारी ने दी।