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LUCKNOW : प्रोफेसर रीता बहुगुणा जोशी ने सभी बालिका गृहों व आश्रय गृहों में रहने वाली महिलाओं व युवतियों की मेडिकल जांच हर दो माह में कराने के निर्देश दिए हैं। जांच में जिनकी तबीयत ज्यादा खराब मिले उनका इलाज अच्छे अस्पतालों में कराया जाए। उन्होंने कहा कि यह व्यवस्था सभी राजकीय संप्रेक्षण गृहों, महिला शरणालयों, स्वैच्छिक संगठनों द्वारा चलाए जा रहे स्वाधार गृहों आदि में तत्काल लागू की जाए।

सीसीटीवी निगरानी की भी ली जानकारी
मंत्री ने कहा कि बारिश के मौसम में गृहों में रहने वाली महिलाओं व बच्चों में बीमारियां अधिक होती हैं। इसलिए इस पर विशेष ध्यान दिया जाए। प्रोफेसर जोशी सोमवार को महिला कल्याण विभाग के अधिकारियों के साथ विभाग की समीक्षा कर रही थीं। उन्होंने संप्रेक्षण गृहों में मरम्मत कार्यों की जानकारी के साथ-साथ सीसीटीवी कैमरे से निगरानी की व्यवस्था की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि सीसीटीवी से निगरानी की व्यवस्था जिला स्तर पर डीपीओ कार्यालय से भी की जाए। इसके लिए टीवी स्क्रीन डीपीओ कार्यालय में लगवाने के निर्देश दिए हैं।
 
किशोरों को देंगे स्किल ट्रेनिंग
मंत्री ने कहा संप्रेक्षण गृह में रहने वाले किशोरों को समाज की मुख्य धारा से जोडऩे के लिए उन्हें रोजगारपरक स्किल ट्रेनिंग दिया जाए। अगले तीन माह के अंदर कार्यदायी संस्था के माध्यम से यह कार्य पूरा किया जाए। बैठक में महिला कल्याण विभाग के विशेष सचिव रामकेवल, निदेशक वंदना वर्मा सहित कई अन्य उपस्थित थे।

आपकी सखी-आशा ज्योति केंद्रों का बनाया जाए लोगो
प्रोफेसर जोशी ने अफसरों को आपकी सखी आशा ज्योति केंद्रों का एक अलग लोगो बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इन केंद्रों का भवन ईको फ्रेंडली बनाया जाए। प्रदेश में 31 नए आशा ज्योति केंद्र बनने हैं। उन्होंने निर्माण एजेंसियों से कंक्रीट ब्लाक के बारे में भी जानकारी प्राप्त की।

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