समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़ इस बैठक में चार विधायकों को छोड़कर सभी विधायकों ने हिस्सा लिया. इनमें वो विधायक भी शामिल थे, जिन्हें पहले बाग़ी माना जा रहा था.

बैठक के बाद लालू प्रसाद यादव के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनता दल के विधायकों और नेताओं ने विधानसभा की ओर मार्च किया.

विधानसभा भवन के पास पहुँचने पर जब पुलिस ने राजद समर्थकों को रोकने की कोशिश की, तो उन्होंने हंगामा करना शुरू कर दिया. बाद में उन्हें विधानसभा भवन में जाने की अनुमति मिली.

राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उनकी पार्टी को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं क्योंकि उनकी सरकार अल्पमत में है.

उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष की भूमिका पर भी सवाल उठाए. लालू यादव ने दावा किया कि कई विधायकों के दस्तख़त फ़र्जी हैं और विधानसभा अध्यक्ष ने उन विधायकों से बात किए बिना कैसे उन्हें अलग गुट के रूप में मान्यता दे दी.

नाटकीय घटनाक्रम

सोमवार को राजद के कुछ विधायकों ने दावा किया था कि उन्होंने पार्टी से अलग अपना गुट बना लिया है और विधानसभा में उन्हें मान्यता भी मिल गई है.

"जहां तक जनता दल सेक्यूलर का सवाल है, लोग यदि हमारे पास आते हैं तो हम इसका स्वागत करेंगे."

-नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री, बिहार

बीबीसी से बातचीत में बाग़ी विधायकों में से एक जावेद इक़बाल अंसारी ने दावा किया कि उनके साथ राजद के 22 में से 13 विधायक हैं.

लालू प्रसाद यादव ने राष्ट्रीय जनता दल के विधायकों को तोड़ने की कोशिशों के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को दोषी ठहराया है.

इस बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दिल्ली में कहा, ''जहां तक जनता दल यूनाइटेड का सवाल है, लोग यदि हमारे पास आते हैं तो हम इसका स्वागत करेंगे.''

वहीं पटना में लालू प्रसाद यादव का कहना है वह इस मुद्दे को पूरे पूरे बिहार में उठाएंगे और किसी को छोड़ेंगे नहीं.

दरअसल सोमवार को राजद के कुछ विधायकों ने दावा किया कि उन्होंने पार्टी से अलग अपना गुट बना लिया है और विधानसभा में उन्हें मान्यता भी मिल गई है.

इसके बाद से ही राज्य में सियासी गहमा-गहमी बढ़ गई है. बिहार में यह सारा घटनाक्रम ऐसे वक्त हो रहा है जब लोकसभा चुनाव नज़दीक हैं.

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