-वकीलों की महापंचायत में पहुंचे जयंत चौधरी ने समर्थन की घोषणा

-मंच पर जयंत के स्वागत को लेकर भड़के वकील, जमकर काटा हंगामा

-भू अधिग्रहण बिल पर रालोद नेता के कटाक्ष को लेकर भड़के भाजपाई

Meerut: वेस्ट यूपी में हाईकोर्ट बेंच की मांग किसी समुदाय विशेष की नहीं बल्कि यह आम आदमी से जुड़ा हुए मुद्दा है। इलाहबाद हाईकोर्ट में इस समय बीस लाख मामले पेंडिंग हैं, जिसमें से भ्ख् फीसदी मामले केवल वेस्ट यूपी से जुड़े हुए हैं। यूपी की आबादी बीस करोड़ से अधिक हैं, जिसमें से साढ़े पांच करोड़ केवल वेस्ट यूपी से जुड़ी हैं। नियमानुसार एक करोड़ की आबादी पर एक हाईकोर्ट का स्थापना जरूरी है ऊपर से हाईकोर्ट यहां से 800 किलोमीटर दूर है। ऐसे में संविधान में परिभाषित सरल एवं सुलभ न्याय की बात कहीं तक चरितार्थ नहीं होती। जब तक वेस्ट यूपी में हाईकोर्ट बेंच की स्थापना नहीं होती, तब तक यहां की जनता न्याय के लिए झटपटाती रहेगी। हाईकोर्ट बेंच की मांग को लेकर हुई वकीलों महापंचायत में पहुंचे रालोद महासचिव जयंत चौधरी ने ये बातें अपने भाषण में कहीं।

जयंत के स्वागत पर भड़के वकील

महापंचायत में एडवोकेट विनोद राणा ने जब मंच पर पहुंचकर रालोद महासचिव जयंत चौधरी के स्वागत किया तो वकीलों का एक गुट भड़क गया। भड़के वकीलों ने महापंचायत को राजनीति के भेंट चढ़ने का आरोप लगाते हुए जयंत के स्वागत का खुलकर विरोध किया। एडवोकेट अजय त्यागी व एडवोकेट चौधरी नरेंद्र पाल ने महापंचायत को लोकदल की रैली बताकर उसका बहिष्कार किया।

भू-अधिग्रहण बिल मुद्दे पर भाजपाई भड़के

जयंत चौधरी ने जब अपने भाषण में भाजपा पर कटाक्ष करते हुए यह कि जैसे केंद्र सरकार ने भू-अधिग्रहण बिल में भू-स्वामियों के लिए संकट खड़ा कर दिया है। ऐसे में हजारों लाखों किसान हाईकोर्ट का रूख करेंगे। यदि उनको सस्ता, सुलभ और सरल न्याय नहीं मिल पाता तो वह न्याय की श्रेणी में नहीं आएगा। इस बात पर पंचायत में मौजूद भाजपा नेता विनीत शारदा अग्रवाल व कृष्णदत्त शर्मा आदि कार्यकर्ता बिगड़ गए। उन्होंने इसको मुद्दे से हटकर बयानबाजी बताते राजनीतिक रंग देने का आरोप लगाया। तो वहीं रालोद समर्थित वकीलों ने हंगामा करने वाले लोगों को भाजपा का दलाल बताकर उनका विरोध किया।

बड़े नेताओं ने बनाई दूरी

जिस तरह से महापंचायत के लिए वकीलों ने केंद्रीय व राज्य सरकार के मंत्रियों के अलावा अन्य राजनैतिक दलों के बड़े नेताओं को भी निमंत्रण भेजा था, उससे कई बड़े नेताओं की पंचायत में पहुंचने के कयास लगाए जा रहे थे। लेकिन जयंत चौधरी को छोड़ सभी बड़े नेताओं ने पंचायत से दूरी बनाना ही बेहतर समझा।

ये रहे मौजूद

हाईकोर्ट बेंच स्थापना केंद्रीय संघर्ष समिति के चेयरमैन एडवोकेट डीडी शर्मा, अनिल जंगाला, जीएस धामा, राजीव शर्मा, संजय शर्मा, मेयर हरिकांत अहलूवालिया, विनीत शारदा अग्रवाल, जिला पंचायत अध्यक्ष मनिंदर पाल सिंह, एडवोकेट राजपाल सिंह, कांग्रेसी नेता जगदीश प्रसाद शर्मा, पंडित जय नारायण शर्मा, सुनील रोहटा, राजकुमार सांगवान, रालोद जिलाध्यक्ष यशवीर सिंह, छात्र संघ अध्यक्ष दुष्यंत तोमर आदि मौजूद रहे।