अलग-अलग हादसों में चार घायल, एक की मौत

DEHRADUN: हाईवे हो या शहर की सड़कें तेज रफ्तार वाहनों के कारण सड़क दुर्घटनाओं का ग्राफ बढ़ता ही जा रहा है। आलम यह है कि तेज गति से चलने वाले वाहनों की रोकथाम के लिए कोई खास इंतजामात नहीं किए गए हैं। राजधानी देहरादून में आए दिन सड़क दुर्घटनाओं का सिलसिला जारी है। कहीं तेज गति वाहनों की टक्कर तो कहीं आमने सामने की भिड़ंत। दोनों दुर्घटना की स्थिति में वाहनों की गति का तेज होना है। ऐसे में लोग या तो गंभीर रूप से घायल होते हैं या फिर मौत के घाट उतर जाते हैं। अब सवाल यह है कि इन तेज गति वाले वाहनों पर ब्रेक कौन लगाए गा या कैसे लग पाएगा। जिम्मेदार महकमों ने तो गाइड लाइनें जारी कर व्यवस्था की इति श्री कर दी है। लेकिन सड़क दुर्घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं।

वाहन की टक्कर से व्यक्ति की मौत

शनिवार की सुबह दो युवक बाइक पर सवार होकर दून हाईवे से आ रहे थे। इस बीच मियांवाला चौक के पास पीछे से तेज गति से आ रहे एक ट्रक ने बाइक में टक्कर मार दी। जिससे बाइक सवार दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों में जगदीश पुत्र महिपाल निवासी मोहकमपुर व घायल का भाई सतेंद्र शामिल है। उधर, थाना पटेलनगर क्षेत्र बीती देर रात शिमला बाईपास पर एक तेज गति की बाइक ने सड़क पार कर रहे व्यक्ति को टक्कर मार दी। जिससे बाइक सवार शिवम व गौरव गंभीर रूप से घायल हो गए। जबकि सड़क पार कर रहे वासुदेव बासकंडी निवासी रतनपुरा की मौत हो गई।

ख्क्7 सड़क दुर्घटनाएं हो चुकी हैं ख्0क्7 में अब तक।

90 लोगों की जा चुकी है जान, क्भ्8 हुए गंभीर रूप से घायल।

90 फीसदी तेज रफ्तार वाहनों से हुई सड़क दुर्घटनाएं।

निजी और सरकारी वाहनों पर स्पीड गवर्नर लगने आवश्यक हैं। जिससे स्पीड पर नियंत्रण बना रहे। इसके अलावा कंट्रोल रूम से नगर व हाईवे पर लगे सीसीटीवी की मॉनिटरिंग चौबीसों घंटे होनी चाहिए।

आशीष गौड़, क्लेमेनट टाउन

हर चौराहों पर पुलिस की तैनाती तो रहती है, लेकिन ओवर स्पीड वाहनों को देखते ही उन्हें नजरअंदाज न किया जाए। तत्काल कार्रवाई कर उन्हें सजा देना आवश्यक है, ताकि वह आगे से वाहनों को ओवर स्पीड से न चलाएं।

कृष्णा कोठारी, कैंट

आए दिन सड़क दुर्घटनाओं के मामले बढ़ रहे हैं। ऐसे में चालकों को समझदारी से काम लेना होगा। यातायात नियमों का पालन करना प्रत्येक नागरिक की जिम्मेदारी है। नियमों का उल्लंघन करने वाले को कठोर कार्रवाई होनी चाहिए।

विनोद सती, मियांवाला

वाहन को लापरवाही से चलाने वालों पर सख्ती से कार्रवाई होगी तो आने वाले समय में कोई भी नियमों का उल्लंघन नहीं करेगा। निश्चित ही दुर्घटनाओं पर रोक लगेगी।

सेंकी, धर्मपुर

परिवहन विभाग और पुलिस विभाग को महीने या सप्ताह में बस संचालकों या फिर चालकों के साथ बैठक कर दुर्घटनाओं को रोकने को लेकर मंथन करनी चाहिए। जिससे बढ़ती दुर्घटनाओं पर रोक लग सके।

दीक्षा गौर, शिमला बाईपास

होता यह आया है कि नियमों की अनदेखी करने वालों पर कार्रवाई के नाम पर उनका चालान कर छोड़ दिया जाता है। जिससे लापरवाह वाहन चालक पर कोई खासा असर नहीं पड़ता है।

संजय न्यूली, बसंत विहार

तेज रफ्तार वाहनों पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस के प्रयास जारी हैं। ऐसे वाहनों के विरूद्ध कार्रवाई के लिए स्पेशल फोर्स तैनात की गई है। जो मौके पर ही कार्रवाई करती है।

पीके राय, एसपी सिटी