-2016 में एक्सीडेंट्स में जान गंवाने वाले 18-25 वर्ष के युवा सबसे ज्यादा

-ड्राइवर्स-पैसेंजर्स समेत कुल 237 लोगों की गई जान, 23 युवतियां भी शामिल

BAREILLY:

दिनों दिन बढ़ती ट्रैफिक समस्या व तेज रफ्तार-बेतरतीब वाहनों के चलते सड़क पर चलना पहले से कहीं खतरनाक हो चुका है। इसमें भी सड़क पर होने वाले हादसों में युवाओं की जिंदगी को सबसे ज्यादा खतरा है। बरेली पुलिस के एक्सीडेंट के आंकड़े तो यही हकीकत बयां कर रहे हैं। वर्ष 2016 में हुए एक्सीडेंट्स में मरने वालों में सबसे बड़ी तादाद 18 से 25 साल उम्र के युवाओं की ही है। साल 2016 में 237 युवाओं ने रोड एक्सीडेंट्स में अपनी जान गंवाई। मरने वालों में 103 वाहनों के ड्राइवर्स हैं। जबकि 134 पैसेंजर्स हैं। जान गंवाने वाले पैसेंजर्स में 23 महिलाएं भी शामिल हैं।

तेज रफ्तार बनी काल

एक्सीडेंट में युवाओं की मौत की बड़ी वजह तेज स्पीड में व्हीकल चलाना रही है। यही वजह है कि रोड एक्सीडेंट्स में मरने वाले अधिकांश ड्राइवर्स युवा ही हैं। वहीं दूसरी ओर पैसेंजर्स में भी मरने वाले ज्यादातर युवा रहे, क्योंकि ज्यादातर वाहनों में यंग एज के दोस्त साथ सवारी करते हैं और वे भी ड्राइवर की गलती से अपनी जान गवां देते हैं। आंकड़ों पर गौर करें तो इन हादसों में किसी भी महिला ड्राइवर की मौत नहीं हुई ह,ै न ही कोई महिला ड्राइवर घायल हुई है। मृतक महिलाएं व घायल महिलाएं सिर्फ पैसेंजर ही रहीं हैं।

ज्यादा उम्र, लंबी उम्र

रोड एक्सीडेंट्स में मरने वालों में अधेड़ व बुजुर्गो की की संख्या काफी कम है। वजह बड़ी उम्र के लोगों का रोड में वाहन चलाते समय ज्यादा अवेयर रहना व सेफ स्पीड में वाहन चलाना रहा है। 45 से 60 वर्ष के लोगों को ड्राइविंग का खासा एक्सपीरियंस होना भी बड़ी वजह है। ऐसे में अधेड़ व बुजुर्ग सावधानी से भी व्हीकल चलाते हैं। यही वजह है कि रोड एक्सीडेंट्स में ऐसे लोगों की तादाद कम दर्ज की गई। वर्ष 2016 में हुए एक्सीडेंट्स में इस 45-60 एज ग्रुप के सिर्फ 12 ड्राइवर्स की जान गई। इसके अलावा मरने वाले पैसेंजर्स की 30 रही है, जिनमें 8 महिलाएं हैं।

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एक्सीडेंट अकॉर्डिग टाइप ऑफ विक्टिम्स एज

ड्राइवर्स डेथ ग्रीवियस इंजरी

18-25 103 69

25-35 46 19

35-45 47 33

45-60 12 07

पैसेंजर्स

18-25 134 128

25-35 60 78

35-45 56 84

45-60 30 28