-एनच-24 पर टेस्टिंग के लिए बनाई जाएगी एक किलोमीटर लंबी सड़क

-7 लाख रुपए खर्च कर तीन मीटर चौड़ी बनाई जाएगी रोड

बरेली: अब शहर की सड़कें सिंगल यूज प्लास्टिक से बनाई जाएंगी। पीडब्ल्यूडी ने पहले टेस्टिंग के लिए फतेहगंज पश्चिमी स्थित एनच-24 गोतारा मार्ग पर एक किलोमीटर सड़क बनाने का निर्णय लिया है, जिसका उद्घाटन पांच अक्टूबर को क्षेत्रीय विधायक से कराने की तैयारी है। आपको बता दें गवर्नमेंट पायलट प्रोजेक्ट के तहत इस नई योजना की शुरुआत कर रही है। इसमें पहले आठ डिस्ट्रिक्ट सिलेक्ट किए गए हैं, जिसमें बरेली, आगरा, प्रयागराज, गोरखपुर, झांसी, लखनऊ, मेरठ और वाराणसी शामिल हैं, जहां सिंगल यूज प्लास्टिक से एक-एक सड़क का चयन किया गया है।

बेहतर होगी क्वालिटी

एनच-24 गोतारा मार्ग 6.30 किमी है। जिसके दूसरे किमी से तीसरे किमी के बीच तीन मीटर चौड़ी सड़क बनाई जा रही है। जो दूसरी सड़कों की तुलना में बेहतर होगी। इसके लिए पीडब्ल्यूडी ने साढे़ सात लाख रुपये के स्टीमेट तैयार किया गया है। जिस पर शासन की ओर से स्वीकृति भी मिल गई है।

मुजफ्फरनगर से लिया प्लास्टिक

नई तकनीकी के मुताबिक सड़क गिट्टी के साथ प्लास्टिक का चूरा मिलाया जाना है। इसके लिए बरेली में पीडब्ल्यूडी को कोई कंपनी नहीं मिली। विभागीय लोगों के मुताबिक विभाग ने मुजफ्फरनगर की एक कंपनी से 350 किलो सिंगल यूज प्लास्टिक खरीदा है, जो 33 रुपये प्रति किलो के हिसाब से मिली है।

तारकोल संग 8 परसेंट प्लास्टिक

सड़क निर्माण में तारकोल, बजरी और गिट्टी का यूज किया जाता है, लेकिन अब पीडब्ल्यूडी इन मटीरियल के साथ सिंगल यूज प्लास्टिक को भी यूज करेगा। जिससे खर्च भी कम होगा। वहीं पीडब्ल्यूडी के एई शैलेंद्र कुमार के मुताबिक तारकोल के साथ 8 परसेंट प्लास्टिक का यूज किया जाएगा।

40 परसेंट बढे़गी क्वालिटी

सड़क निर्माण में कचरे में निकले वाले प्लास्टिक का उपयोग करने से सड़क मजबूत होगी। प्लास्टिक कचरे से बनी सड़क पानी कम सोखेगी। इससे गुणवत्ता में 40 परसेंट का इजाफा होगा।

ये होगा फायदा

-यह आम सड़कों से ज्यादा मजबूत होती है।

-बारिश का पानी इकट्ठा होने से सिंगल यूज प्लास्टिक की सड़क को कोई नुकसान नहीं होगा।

-सड़क में सिंगल यूज प्लास्टिक यूज होने से कचरे से भी मुक्ति मिलेगी।

-इस नई तकनीकि से बनने वाली सड़क से पॉल्यूशन भी कम होगा।

आईओसी ने किया था रिसर्च

सरकारी कंपनी आईओसी ने सिंगल यूज प्लास्टिक के जरिए सड़क बनाने बनाई थी, जिसने फरीदाबाद के रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर के बाहर 850 मीटर की सड़क सिंगल यूज प्लास्टिक के जरिए बनाया गया था। रिसर्च में यह बात सामने आई कि यह आमतौर पर बनने वाली सड़कों की तुलना में सस्ती और ज्यादा बेहतर है।

अफसरों में भी उत्साह

नई तकनीकी के तहत बनाई जाने वाली सड़क को लेकर पीडब्ल्यू के अफसरों में भी उत्साह है। गवर्नमेंट के आदेश पर अफसरों ने गांधी जयंती के पर सिंगल यूज प्लास्टिक से थोड़ी सड़क बनाकर टेस्टिंग की थी, जिसमें सड़क पर आसानी से अपनी पकड़ बना ली। इसके बाद ही एक किमी। सड़क बनाकर उद्घाटन कराने का निर्णय लिया गया है।

वर्जन

सिंगल यूज प्लास्टिक से सड़क बनाने के लिए एनएच-24 गोतारा मार्ग का चयन किया गया है। यह वर्क पायलेट प्रोजेक्ट के तहत किया जा रहा है। सफल होने पर अन्य सड़कें भी इस तकनीकी से बनाई जाएंगी। नई तकनीकि से बनने वाली यह सड़क सस्ती और बेहतर होगी।

-हरबंश सिंह, अधीशासी अभियंता