सीटी स्कैन
- शहर के मोहल्लों में आठ माह से हुई ही नहीं सड़कों की मरम्मत
- दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट के सर्वे में बदतर मिली रोड की हालत
GORAKHPUR: नगर निगम के 50 मोहल्लों में नाली, कूड़ा, बिजली, आवारा जानवर व सड़क की हालत की ग्राउंड रिपोर्टिग के बाद तैयार रिपोर्ट में कहीं भी 10 में 5 से अधिक रेटिंग नहीं मिल पाई है। सीटी स्कैन के तहत चार दिनों में नाली, कूड़ा, बिजली व आवारा जानवरों के मामले में व्यवस्था की हकीकत आप तक पहुंचाने के बाद आज पांचवें दिन हम आपको मोहल्लों की रोड के बारे में बता रहे हैं।
15 सितंबर तक यही रहेगा हाल
नगर निगम के मोहल्लों में सड़कों की हालत बद से बदतर है। आठ माह तक कोई निर्माण कार्य नहीं हुआ है। भारी दबाव पर कहीं-कहीं हल्की-फुल्की मरम्मत हुई है। अब बारिश शुरू हो गई है। ऐसे में 15 सितंबर तक निर्माण कार्य नहीं होने की संभावना है। बारिश से रोड के गड्ढे पानी से भर गए हैं और लोग हादसे का शिकार हो रहे हैं। बिछिया के बुधवार को रोड पर गिरकर घायल हो गए।
अप्रैल में ही बन जानी थी रोड
नगर निगम द्वारा अप्रैल माह में ही इस रोड को बनाने की योजना शुरू की गई थी, लेकिन यह रोड अभी तक नहीं बन पाई है। इसी तरह से शहर में दो दर्जन से अधिक सड़कें ऐसी हैं, जिनके निर्माण की प्रक्रिया अप्रैल में ही शुरू हो गई, लेकिन अभी तक रोड बन नहीं पाई हैं।
वार्डो में सड़क की स्थिति की रेटिंग
वार्ड 1 से 10 - 2
11 से 20 - 2
21 से 30 - 4
31 से 40 - 2
41 से 50 - 4
शहर की ओवर ऑल स्थिति
1 से 50 वार्ड में - 3
यह हो तो सुधर जाएं हालात
- सड़कों के गड्ढे को मलबा डालकर भर दिया जाए।
- अधिक टूटी हुई सड़कों पर संकेतक लगाया जाए।
- बारिश कई दिन तक रुके रहने पर सड़कों के मरम्मत का कार्य किया जाए।
- टेंडर लेने के बाद भी रोड नहीं बनाने वालों पर कार्रवाई की जाए।
नहीं बन पाई यह रोड
- करीम नगर रोड
- हड़हवा फाटक रोड
- बगहा बाबा मंदिर रोड
- फुलवरिया एरिया
- गोरक्षनगर रोड
- सिंघाडिया रेलवे लाइन किराने
- दिव्यनगर मेन रोड
- शिवपुर सहबाजगंज रोड
- छोटेकाजीपुर रोड
वर्जन
क्या कहते हैं नगर निगम के चीफ इंजीनियर सुरेश चंद?
सवाल: शहर की सैकड़ों सड़कें टूटी पड़ी हैं। मरम्मत क्यों नहीं हुई?
जवाब: नगर निगम के पास आर्थिक प्रॉब्लम के कारण कार्य रुका था, अब तो बारिश का मौसम शुरू हो गया है। ऐसे में अब सड़कों के निर्माण कार्य ठप रहेगा।
सवाल: सड़कों पर डेली लोग गिरकर घायल हो रहे हैं?
जवाब: टूटी हुई रोड पर लोगों के गिरने की कंप्लेन आ रही है। वहां हम लोग मलबा गिराकर बराबर करने का कार्य कर रहे हैं।
सवाल: लोग कब तक ऐसी हालत में रहेंगे?
जवाब: कोशिश हो रही है कि बारिश में भी अगर समय मिलता है तो रोड बनाया जाएगा। वैसे बारिश के बाद शहर की सड़कों के निर्माण की प्रक्रिया तेज होगी।
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गोरखपुर कॉलिंग
सीएम के शहर में पब्लिक परेशान हैं और अधिकारी मौज कर रहे हैं। यदि अधिकारी अलर्ट रहते तो सीएम के शहर में सड़क खोदकर नहीं छोड़ दी जाती।
रीता देवी, हाउसवाइफ
शहर की चिंता किसी भी अधिकारी को नहीं है। अधिकारी मंदिर की परिक्रमा में व्यस्त हैं और जनता परेशान है। शहर में सैकड़ों ऐसी गलियां हैं जो खुदी हुई हैं।
जमालुद्दीन, व्यापारी
सड़कें खराब होने से स्कूल जाने और आने वाले बच्चों को बहुत अधिक परेशानी होती है। इस कारण घर के एक सदस्य को बच्चों को लाने के लिए जाना पड़ता है।
रजनी गुप्ता, हाउस वाइफ
नगर निगम की अनदेखी के कारण पब्लिक को परेशानी झेलनी पड़ती है। सबसे अधिक परेशानी बुजुर्गो और महिलाओं को होती है। वहीं बुजुर्गो ने तो रोड किनारे टहलना ही छोड़ दिया है।
प्रकाश गुप्ता, दुकानदार