>i reality check

-रक्षाबंधन पर कैसे सुगम और सुरक्षित सफर करेंगी बहनें

-बसों का फर्श, शीशा और सीट भी हो चुकहैं जर्जर

फैक्ट एंड फिगर

159 बसें बरेली डिपो में निगम के पास

34 बसें अनुबंधित बरेली डिपो में

145 बसें रुहेलखंड डिपो के पास

30 बसें अनुबंधित बरेली डिपो में

BAREILLY: रक्षाबंधन पर बहनों को फ्री और सुरक्षित सफर कराने का दावा करने वाली रोडवेज की कई बसें बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं हैं। कुछ बसें तो इतनी खस्ताहाल हैं कि इनमें सफर करना जोखिम भरा भी है और जानलेवा भी। दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट ने गुरुवार को रोडवेज बसों की सुरक्षा को लेकर और रियलिटी चेक किया तो चौंकाने वाली हकीकत सामने आई। कई बसों में फर्श, सीट, शीशा और उलझे ओपन वायर तक मिले। इस दौरान बस में बैठे यात्रियों ने भी बसों की जर्जर स्थित पर अपना दर्द बयां किया।

बस संख्या: यूपी-25 बीटी-1175

रुहेलखंड डिपो की दिल्ली रूट की बस में इंडीकेटर टूटा हुआ था। बस का शीशा भी टूटा हुआ था। बस में कंडक्टर मौजूद था। सीटें भी कई जगह से उखड़ी हुई थीं। विन्डो पर लगे कई शीशों में रबर तक नहीं थी।

बस संख्या: यूपी 25 एटी 4860

बरेली डिपो की मुरादाबाद रूट की बस के गेट पर कंडेक्टर की सीट के पास शीशा प्लास्टिक से बंधा हुआ था। कंडक्टर ने बताया कि शीशा अपने आप निकल जाता है, तो बारिश का पानी आता है इसीलिए प्लास्टिक से बांध दिया है। इसके साथ फ्लोर भी टूटा था।

बस संख्या: यूपी 25 एटी 4857

बरेली डिपो की दिल्ली रूट पर चलने वाली बस में भी फ्लोर कई जगह से टूटा और फ्लोर पर लगी लोहे की चादर भी कई जगह से उखड़ी हुई थी। बस में ड्राइवर की सीट के पास ओपन वायर का जंजाल बना हुआ था। इसमें कई वायर के ज्वॉइंट ओपन थे। जिससे कभी कोई शॉर्टसर्किट होने की भी संभावना बनी हुई थी।

बस संख्या यूपी 25 एटी 4857

दिल्ली रूट पर चलने वाली रुहेलखंड डिपो की बस में फर्श उखड़ा हुआ था। सीटें भी जर्जर थीं। बस में कई शीशे पर प्लास्टिक की रबर भी नहीं लगी हुई थी। कांच से बारिश के पानी से सीटें भी भीगी हुई थी। बस में ड्राइवर के पास वायरिंग और फर्श भ्ाी उखड़ा हुआ था।

बसों के बढ़ाए जाएंगे फेरे

रक्षाबंधन पर पैसेंजर को देखते हुए रोडवेज बसों के फेरे बढ़ाए जाएंगे ताकि पैसेंजर को आने-जाने में कोई प्रॉब्लम न हो। इसके साथ ही वर्कशॉप में मरम्मत के लिए खड़ी बसों की भी मरम्मत पूरी कर रोड पर उतार दिया गया है। वहीं आरएम स्टेशन मैनेजर ने बताया कि यात्रियों की भीड़ को देखते हुए जिस रूट पर सवारी अधिक होंगी, उस पर दूसरे रूट की बसें भी भेजी जाएगी। फिलहाल यात्रियों को कोई परेशानी नहीं होने दी जाएगी।

वर्जन

रक्षाबंधन के लिए लगभग सभी बसें रेडी कर ली गई हैं। इसके बाद भी जिस भी गाड़ी का काम बचा है, उसे शुक्रवार को ही पूरा कर लिया जाएगा। इसके लिए हम और हमारा पूरा स्टाफ प्रयासरत है।

-अमरनाथ भारती, एसएम रोडवेज वर्कशॉप

कॉलिंग

चंदौसी से सफर करके आई हूं। रोड तो बारिश के समय इतना खराब भी नहीं है, जितनी बसों की हालत खराब है। बस में सफर करो तो पूरी बस बुरी तरह से आवाज करती है।

-सपना रत्‍‌नाकर

रोडवेज बस की सीटे भी इतनी खराब कंडीशन में हैं कि उस पर बैठकर लंबी जर्नी करना तो मुश्किल है। इतनी खराब सीटों और बसों में जर्नी करना जोखिम भरा भी है।

-ज्योति

बस का सफर सिर्फ इसीलिए करती हूं क्योंकि बस में सीट मिल जाती है। लेकिन बारिश का पानी सीट पर आने से सीटें भी भीगी हुई मिल रही हैं। इसके बाद भी जिम्मेदार बसों की मरम्मत ठीक से नहीं करते हैं।

-शशि