नई दिल्ली (आईएएनएस)। रॉबिन उथप्पा इस सीजन में राजस्थान रॉयल्स में जाने से पहले गौतम गंभीर के नेतृत्व में कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए खेलते थे। बल्लेबाज को लगता है कि गंभीर के नेतृत्व की खासियत थी कि, वह खिलाडिय़ों को खुद को एक्सप्रेस करने का मौका देते थे। वह सभी को एक परिवार का हिस्सा बना देते थे। स्टार स्पोट्र्स के शो क्रिकेट कनेक्टेड पर उथप्पा ने केकेआर के लिए खेले गए दिनों को याद किया। उथप्पा ने कहा, "मेरे लिए जो सबसे बड़ी बात थी, वह यह थी कि उन्होंने खिलाडिय़ों को खुद को व्यक्त करने की अनुमति दी और किसी के खेल में हस्तक्षेप नहीं किया। उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि उन्होंने समूह के भीतर सुरक्षा की भावना का निर्माण किया और मुझे लगता है कि यह जीतने के काम भी आया।'

खिलाडिय़ों को देते हैं सुरक्षा

उथप्पा ने आगे कहा, आईपीएल जैसे टूर्नामेंट में सफल कप्तान यही करता है। टूर्नामेंट जीतने के मेरे अनुभव में, मैंने देखा है कि सफल कप्तान लोगों को खुद को व्यक्त करने के लिए अपना स्थान देते हैं और सुनिश्चित करते हैं कि समूह के भीतर हर कोई सुरक्षित महसूस कर रहा है। गंभीर ने हमेशा उन खिलाडिय़ों से भी बात की जो टीम का हिस्सा नहीं होते थे।'

टेस्ट खेलने के चक्कर में खोई आक्रमकता

इससे पहले, राजस्थान रॉयल्स के एक पॉडकास्ट सत्र के दौरान उथप्पा ने कहा था, 'मेरा सबसे बड़ा लक्ष्य भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट खेलना था। क्या मैंने 20-21 तक पीछा किया था, मैं शायद इस समय तक टेस्ट क्रिकेट खेलूंगा। मैं अपने करियर के अंत में कोई पछतावा नहीं करना चाहता था और सुनिश्चित होना चाहता था कि मैं अपना सर्वश्रेष्ठ दिया।' बता दें उथप्पा ने प्रवीण आमरे को कोच बनाया और अपनी तकनीक को बदल दिया लेकिन इससे प्राकृतिक रूप से नुकसान हुआ। रॉबिन ने कहा, '25 साल की उम्र में, मैंने प्रवीण आमरे के तहत अपनी बल्लेबाजी तकनीक को ओवरहाल करने का फैसला किया और तकनीकी रूप से बेहतर बल्लेबाज बन गया जो लंबे समय तक बल्लेबाजी कर सकता है। मगर इससे मेरी अग्रेसिव बैटिंग प्रभावित हुई। मैंने अपनी आक्रामकता को खो दिया था।'

Cricket News inextlive from Cricket News Desk