क्त्रन्हृष्ट॥ढ्ढ: अगर महिलाओं को हार्ट अटैक आता है, डिलीवरी के बाद काफी ब्लीडिंग होती है या फिर प्रेग्नेंट महिला बेहोश हो जाती है तो ऐसी स्थिति में डॉक्टरों के सामने भी समस्या हो जाती है कि उसे कैसे हैंडल करें. वहीं कई डॉक्टर केस को समझ भी नहीं पाते. इस तरह की समस्याओं से निपटने के टिप्स टेक्निक रिम्स ऑडिटोरियम में रांची आब्सटेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजिकल सोसायटी की ओर से आयोजित कान्फ्रेंस में दिए गए. वेदांता के डॉ. नसीम अख्तर ने बताया कि कुछ पारा मीटर्स को फॉलो कर मरीज की जान बचाई जा सकती है. वहीं आक्सीजन भी जितना जरूरत है उतनी मात्रा में देने की जरूरत है. चूंकि जरूरत से ज्यादा आक्सीजन भी मरीज के लिए खतरनाक हो सकता है.

छह वर्क स्टेशन पर दी जानकारी

कांफ्रेंस के लिए छह वर्क स्टेशन तैयार किए गए थे, जिसे फर्नाडिज हॉस्पिटल हैदराबाद और सफदरजंग दिल्ली के एक्सप‌र्ट्स ने तैयार किया था. जिसकी मदद से एक मां की जान बचाई जा सकती है. इस वर्कशॉप को डिजाइन डॉ. समरीना आलम और डॉ. मधुलिका होरो ने डॉ. रेनुका के नेतृत्व में किया था.