नई दिल्ली (पीटीआई)। महाराष्ट्र पुलिस ने पांच मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को माओवदियों से सलिंप्तता होने के शक में गिरफ्तार किया है। के इस कदम का विरोध हो रहा है। जानी-मानी इतिहासकार रोमिला थापर समेत पांच सामाजिक कार्यकर्ताओं ने विरोध करते हुए सु्प्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता में पांच जजों की बेंच के समक्ष कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के खिलाफ याचिका पेश की। कोर्ट ने स्वीकारते हुए इस मामले में तत्काल सुनवाई का आदेश दिया है। अब शाम 3:45 बजे इस पर सुनवाई होगी।

सभी कार्यकर्ताओं को रिहा किए जानें की मांग
वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने याचिका में उल्लेख किया गया है कि रोमिला थापर व अन्य अधिकार कार्यकर्ताओं की मांग है कि भीमा-कोरेगांव मामले में छापे मार कर गिरफ्तार किए गए सभी कार्यकर्ताओं को रिहा किया जाए। उन्होंने यह भी अपील की है कि मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के संबंध में स्वतंत्र जांच के निर्देश दिए जाए। बता दें पिछले साल 31 दिसंबर को एल्गार परिषद के एक कार्यक्रम के बाद पुणे के पास कोरेगांव - भीमा गांव में दलितों और उच्च जाति के पेशवाओं के बीच हिंसा हुई थी। ऐेसे में इस घटना की जांच के तहत ये छापे मारे गए हैं।

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