-नोटिस पर भी नहंीं गिराई हरिचंद्र इंटर कॉलेज

बिल्डिंग

-देर रात ढह कमरे की छत, शुक्र था बच्चे नहीं थे

LUCKNOW: शुक्र था ये हादसा रात में हुआ, वरना कॉलेज प्रबंधन और बड़े जिम्मेदारों की लापरवाही सैकड़ों बच्चों पर भारी पड़ जाती। कैंटोंमेंट बोर्ड से स्कूल खाली करने और बिल्डिंग ध्वस्त करने की नोटिस मिलने के बाद भी चल रहे हरिचंद्र इंटर कॉलेज के एक कमरे की छत सोमवार रात ढह गई, हादसे में एक चपरासी बाल-बाल बच गया। सूचना के बाद मौके पर पहुंचे जॉइन डायरेक्टर माध्यमिक दीप चंद ने जांच में सभी कमरों की स्थिति बेहद खराब पाई। लापरवाही का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एक भी कमरा सुरक्षित नहीं है। जेडी ने पूरी मामले की रिपोर्ट डायरेक्टर माध्यमिक अमरनाथ वर्मा को भेज दी है। बता दें कि इस स्कूल में चार सौ के करीब स्टूडेंट्स पढ़ने आते हैं।

देर रात 11 बजे की घटना

सदर इलाके के हरिचंद्र इंटर कॉलेज के प्रिंसिपल अरविंद द्विवेदी ने बताया कि देर रात 11 बजे कॉलेज स्टॉफ रूम की छत भर-भराकर गिर गई। चपरासी राम प्रताप रोज रात में इसी कमरे में सोता था। सोमवार को भी वह 11 बजे तक कमरे में ही था। शुक्र था कि कुछ पल पहले वह किसी काम से बाहर निकला था।

चार सौ स्टूडेंट्स की जिंदगी से खेल

कॉलेज में मौजूदा समय में 18 शिक्षक और करीब 400 छात्र-छात्राएं हैं। शिक्षकों के मुताबिक 15 अगस्त को सुबह स्वतंत्रता दिवस पर ध्वाजारोहण के बाद सभी शिक्षक यहीं बैठे थे। बता दें कि 1921 में बनी यह बिल्डिंग पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है। इससे पहले ही स्कूल प्रशासन ने केमेस्ट्री और फिजिक्स के लैब को जर्जर होने के नाते बंद कर दिया है। स्कूल का मुख्य कार्यालय, कम्प्यूटर रूम व एक अन्य लैब भी खस्ताहाल हैं। स्कूल के रूम नंबर 12 ए और 12 बी में भी अक्सर टूटकर प्लास्टर गिरता है। लोहे की सरिया तक निकल आई हैं और कमरा सीलन से भरा है। इसी जर्जर कमरे में भी छात्रों की क्लासेस संचालित की जा रही हैं।

दूसरी बिल्डिंग भी बैठने लायक नहीं

कॉलेज के सड़क पार दूसरी बिल्डिंग भी बनी है, यहां भी एक दर्जन से ज्यादा कमरे हैं, शिक्षकों की मानें तो 40 साल पहले इसका निर्माण हुआ था। मंगलवार को घटना के बाद जब जेडी दीप चंद ने निरीक्षण किया तो एक भी कमरा बैठने लायक नहीं था। जेडी ने पूरी बिल्डिंग की तकनीकी जांच कराने के निर्देश प्रिंसिपल को दिए।

16 अगस्त तक खाली करना था

जेडी ने कहा कि स्कूल की स्थिति इतनी जर्जर होने के बाद भी सूचना अभी तक विभाग और प्रबंधक को क्यों नहीं दी गई। अगर कोई बड़ी घटना हो जाती तो इसकी जिम्मेदारी किसी होती। असल में कैंटोंमेंट बोर्ड ने स्कूल की दूसरे बिल्डिंग को पहले से जर्जर घोषित करते हुए नोटिस भी जारी कर रखा है। इस बिल्डिंग को 16 अगस्त तक खाली कर गिराने को कहा था। इस पर प्रिंसिपल की ओर से कोई कार्रवाई न करने पर जेडी भड़क गए। फिलहाल सभी कमरों में क्लासेस संचालित करने पर रोक लगा दी गई है।

प्रिंसिपल को निर्देश दिए हैं कि जर्जर कमरों में एक भी क्लासेस नहीं संचालित की जाएं। साथ ही प्रिंसिपल से प्रबंध समिति के चुनाव से लेकर कॉलेज के लिए क्या-क्या प्रयास किए गए, उसकी रिपोर्ट मांगी गई है।

दीप चंद, संयुक्त शिक्षा निदेशक लखनऊ