नई दिल्ली (पीटीआई)। न्यूजीलैंड के सीनियर प्लेयर रॉस टेलर कहते हैं कि 50 ओवरों के वर्ल्डकप फाइनल में मैच टाई हो जाता है, तो हमें ट्राॅफी शेयर करने से परहेज नहीं करना चाहिए। उनका मानना ​​है कि वन-डे प्रारूप में सुपर ओवर जरूरी नहीं है। पिछले साल इंग्लैंड में हुए वर्ल्डकप में जब फाइनल मुकाबला टाई रहा था, फिर सुपर ओवर खेला गया जब वो भी टाई रहा तो बाउंड्री काउंट नियम के तहत फैसला निकाला गया। जिसके बाद न्यूजीलैंड को ट्राॅफी गंवानी पड़ी। हालांकि इस नियम की बाद में खूब आलोचना हुई। आईसीसी को नियम बदलना पड़ा। अब सेमीफाइनल या फाइनल में तब तक सुपर ओवर खेले जाएंगे जब तक रिजल्ट नहीं निकल आता।

वनडे में नहीं होना चाहिए सुपर ओवर

टेलर ने ईएसपीएनक्रिकइन्फो के हवाले से कहा, "मैं अभी भी वनडे क्रिकेट में सुपर ओवर के नियम से सहमत नहीं हूं। मुझे लगता है कि एक दिवसीय क्रिकेट इतने लंबे समय से खेला जाता है इसलिए टाई होने में कोई समस्या नहीं है। टी 20 में, इस नियम को पालन करना सही है। लेकिन मुझे नहीं लगता कि एक दिन के खेल में सुपर ओवर जरूरी है। मुझे लगता है कि आपके पास एक संयुक्त विजेता हो सकता है।' एक दिवसीय खेल की लंबाई को देखते हुए, टेलर को लगता है कि टाई एक उचित परिणाम है। टेलर कहते हैं, 'विश्व कप के दौरान मुझे सुपर ओवर के नियम के बारे में वास्तव में नहीं पता था। मैं तो अंपायरों के पास यह कहने चला गया कि 'कितना बढ़िया खेल रहा'। अंत में जो हुआ वह निराशाजनक था।

कीवी टीम का रिकाॅर्ड नहीं है अच्छा

टेलर कहते हैं, टाई मतलब टाई होता है। आप वनडे में 100 ओवर खेलने के बाद कोई परिणाम नहीं निकल पा रहे तो दोनों टीमों को संयुक्त रूप से विजेता घोषित करें। बता दें टेलर सुपर ओवर नियम के इसलिए भी खिलाफ हैं क्योंकि कीवी टीम का सुपर ओवर रिकाॅर्ड अच्छा नहीं है। न्यूजीलैंड की टीम सुपर ओवर में आठ बार में 7 बार हारी है।

Cricket News inextlive from Cricket News Desk