PATNA: पटना मेट्रो ने अब स्पीड पकड़ ली है। सॉयल टेस्ट के पहले चरण का काम पूरा हो चुका है। सोमवार को मेट्रो के लिए जाइका से मिलने वाले 5400 करोड़ के लोन के लिए भी केंद्र ने आश्वस्त कर दिया है कि वह इसे जल्द दिलवाने में मदद करेगा। केंद्रीय शहरी और आवास मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने पटना मेट्रो परियोजना के लिए जापान की जाइका (जापान इंटरनेशनल को-ऑपरेशन एजेंसी) से इसी महीने होने वाली बैठक में इस लोन को जल्द उपलब्ध कराने का उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी को आश्वासन दिया। मोदी इस समय दिल्ली के दौरे पर हैं और सोमवार को उन्होंने केंद्रीय मंत्री से मुलाकात की। केंद्रीय मंत्री पुरी ने कहा कि पटना मेट्रो से उनका भावनात्मक लगाव है। भारत सरकार इस परियोजना के लिए हर तरह से मदद करेगी।

5,400 करोड़ लिया जाएगा कर्ज अन्य खर्च केन्द्र और राज्य सरकार करेगी वहन

प्रधानमंत्री ने पिछले दिनों 13,365 करोड़ लागतवाली पटना मेट्रो प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया था। इसके लिए जापान की जाइका से 5,400 करोड़ का सस्ता कर्ज लिया जाना है। भारत सरकार दो हजार करोड़ और बिहार सरकार अपनी हिस्सेदारी का 5,390 करोड़ खर्च करेगी। दो चरणों में पूर्वी-पश्चिमी और उत्तरी-दक्षिणी कॉरिडोर का निर्माण होना है। अब तक भारत सरकार ने 50 करोड़ तथा बिहार सरकार ने 100 करोड़ उपलब्ध कराया है।

तीन महीने में सौंपी जाएगी मिट्टी की जांच रिपोर्ट

पटना मेट्रो के लिए मिट्टी की जांच का फस्ट फेज का काम पूरा हो गया है। जांच के लिए एक्सपर्ट ने 40 फुट नीचे तक की जमीन की मिट्टी का सैंपल लिया है। हर डेढ़ इंच के बाद मिट्टी को सैंपल के लिए रखा गया है। मिट्टी के सभी सैंपल को तीन महीने बाद जांच के लिए भेजा जाएगा जब पूरे मेट्रो रूट पर सैंपल कलेक्शन का काम पूरा हो जाएगा।

डीपीआर की मंजूरी के बाद लिया जाएगा अगले फेज का सैंपल

राजधानी में कुछ दिनों पहले तक राजेन्द्र नगर से मलाही पकरी के रास्ते रामाचक बैरिया तक मेट्रो के लिए सॉयल टेस्ट किया गया। अब उस इलाके से मिट्टी का सैंपल ले लिया गया है। सैंपल कलेक्शन का काम कर रही कंपनी सीईजी के अधिकारी बताते है कि प्रायोरिटी कॉरीडोर में जांच के बाद दूसरे स्थानों पर मिट्टी की जांच का काम होगा। बदले हुए डीपीआर की सर्वे रिपोर्ट को राज्य सरकार से हरी झंडी मिलेगी तो वहां डीएमआरसी वहां काम शुरू कर देगा।

डिजाइन में कई बदलाव भी

पटना मेट्रो में की डिजाइन में कई बदलाव किए गए है। डीपीआर में किए गए बदलाव के अंर्तगत पटना जंक्शन के दोनों कॉरिडोर अब अंडरग्राउंड बनेंगे। दोनों कॉरिडोर के मेट्रो स्टेशनों को अंडरग्राउंड करने पर मेट्रो की लागत में 422 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है।

यही नहीं गोल्फ क्लब मेट्रो स्टेशन को डीएमआरसी ने नये एलाइमेंट में हटा दिया है। अब आइपीएस मेस और गोल्फ क्लब के दोनों स्टेशनों को हटाकर पटना जू के गेट नंबर एक के पास एक नया स्टेशन बनेगा। इसके अलावा रुकनपुरा स्टेशन की जगह में मामूली बदलाव किया गया है। बेली रोड पर विद्युत भवन के पास बनने वाले मेट्रो स्टेशन को आगे बढ़ा कर आयकर चौराहे के पास लाया गया है। राजेंद्रनगर से गांधी मैदान आने वाले मेट्रो के एलाइमेंट को पीएमसीएच व पटना विवि कैंपस से हटाकर अशोक राज पथ मुख्य सड़क की तरफ किया जायेगा।

रामाचक बैरिया के पास बनेगा कॉमशियल हब

रामाचक बैरिया स्थित न्यू आइएसबीटी के पास ही मैट्रो के दो कॉरिडोरों के डिपो बनाने का प्रस्ताव दिया गया है। इसके साथ ही इन दोनो डिपो के बीच में 100 मीटर में कॉमर्शियल हब नये प्रस्ताव में शामिल किया गया है।

पांच साल में पूरा करना है लक्ष्य

पटना मेट्रो परियोजना को इस साल फरवरी में मंजूरी दी गयी थी और इस पर प्रारंभिक कामकाज शुरू किया जा चुका है। कामकाज प्रगति पर है। सरकार ने 13365.77 करोड़ रुपये की लागत से परियोजना को स्वीकृत किया है और इस परियोजना की पूर्णता अवधि पांच वर्ष है।

हमने मिट्टी के लेवल का सैंपल डीएमआरसी को भेज दिया है। सैंपल की जांच दूसरी एजेंसी करती है जिसके बाद ही तय होगा कि चयनित जगह पर कैसा निर्माण होगा।

शिव जी चौधरी, इंजीनियर, सीईजी