-रक्षाबंधन से पहले प्रयागराज रीजन को मिल जाएंगी महिला स्पेशल चार पिंक बसें

-दो बसों का गोरखपुर और दो का कानपुर रूट पर होगा परिचालन

<-रक्षाबंधन से पहले प्रयागराज रीजन को मिल जाएंगी महिला स्पेशल चार पिंक बसें

-दो बसों का गोरखपुर और दो का कानपुर रूट पर होगा परिचालन

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PRAYAGRAJ: सिर्फ महिलाओं की यात्रा के लिए खासतौर से शुरू की गई पिंक बसों की सुविधा में विस्तार किया जा रहा है। परिवहन निगम के लखनऊ मुख्यालय की ओर से भाई-बहन के अटूट प्रेम के पर्व रक्षाबंधन से पहले प्रयागराज रीजन को चार पिंक बसों की सुविधा प्रदान की जाएगी। इसमें दो पिंक बसें गोरखपुर-प्रयागराज रूट और दो बसों का परिचालन कानपुर-प्रयागराज रूट पर किया जाएगा। इसके अलावा छह एसी जनरथ बसों की खेप भी रोडवेज के बेड़े में शामिल होंगी।

अभी तक पांच पिंक बसें

मुख्यालय की ओर से मार्च के पहले सप्ताह में महिलाओं के लिए स्पेशली पूरे प्रदेश के लिए पचास पिंक बसें चलाई गई थीं। इसमें लखनऊ से प्रयागराज के लिए आलमबाग डिपो से पांच पिंक बसें चलाई जा रही हैं। अब चार अन्य बसें गोरखपुर व कानपुर रूट पर आने से इनकी संख्या नौ हो जाएगी। खास बात है कि इन बसों की प्रत्येक सीट पर पैनिक बटन और सीसीटीवी कैमरा लगे होने के साथ-साथ इंटरसेप्टर वाहन भी चलता है।

डिमांड पर भेजा था प्रस्ताव

प्रयागराज रीजन में सर्वाधिक दस एसी जनरथ बसों का परिचालन सिविल लाइंस डिपो के अन्तर्गत किया जा रहा है। जबकि जीरो रोड, प्रयाग डिपो, लीडर रोड डिपो व मिर्जापुर डिपो से कुल क्7 एसी जनरथ बसें चल रही हैं। सिविल लाइंस डिपो के एआरएम दीपक चौधरी की मानें तो सिविल लाइंस डिपो में सबसे ज्यादा गोरखपुर रूट और उसके बाद वाराणसी रूट पर एसी जनरथ बसों की डिमांड होती है। इसी आधार पर मुसाफिरों को और अधिक सुविधाजनक यात्रा कराने के लिए छह एसी जनरथ बसों का प्रस्ताव मुख्यालय भेजा गया है।

आने पर होगा रूट निर्धारण

महिला पिंक बसों की खेप पंद्रह अगस्त तक आने की संभावना अधिकारियों द्वारा जताई जा रही है। अगस्त महीने के अंत तक छह नई एसी जनरथ बसें भी रोडवेज के बेड़े में शामिल हो जाएगी। बसों के आने के बाद उसका रूट निर्धारण किया जाएगा।

वर्जन

महिला स्पेशल पिंक बसों और एसी जनरथ बसों की डिमांड देखते हुए शासन को और अधिक बसों की खेप देने का प्रस्ताव भेजा गया है। उम्मीद है कि इस माह दस नई एसी बसें रीजन को मिल जाएंगी।

-टीकेएस बिसेन, आरएम प्रयागराज रीजन