हर मोड़ पर दलाल

दलालों की सच्चाई जानने के लिए वेडनसडे को आई नेक्स्ट टीम आरटीओ पर पहुंची तो वहां का माहौल ही कुछ और था। डीएल बनाने के लिए जितनी भीड़ कैंपस के अंदर नहीं थी, उससे कहीं ज्यादा लोग दलालों के पास जमा थे। हकीकत जानने के लिए टीम ने 'कस्टमरÓ बनकर कई लोगों से बात की तो सभी ने एक्स्ट्रा पैसे लेकर लाइसेंस बनवाने की बात कही। आरटीओ ऑफिस के आस-पास एक दो नहीं बल्कि 200 से अधिक दलाल हैं। अगर आप खुद अप्लाई करेंगे तो फॉर्म हासिल करने में ही कई घंटे लग जाएंगे। वहीं दलाल बिना लाइन में लगे आपके डॉक्यूमेंट ऑफिस के अंदर तक पहुंचा देते हैं।

Smart licence का rate 1500  

आरटीओ में रूल्स के अकॉर्डिंग लाइसेंस बनवाने पर लर्निंग, स्मार्ट लाइसेंस सहित पूरा खर्च करीब 300 से 400 रुपए के बीच आता है। मगर दलालों के जरिए इसी लाइसेंस को बनवाने में 1500 रुपए खर्च पड़ेंगे। मेजर फैक्ट ये है कि इस काम में आरटीओ ऑफिस के कुछ कर्मचारी भी शामिल हंै। आई नेक्स्ट की बात आरटीओ ऑफिस के चालान डिपार्टमेंट में काम करने वाले एक कर्मचारी से भी हुई। उन्होंने लाइसेंस के लिए 1500 रुपए मांगे। वहीं लाइन से बचकर ऑफिस में इंट्री कराने के लिए भी पैसे की मांग की। उन्होंने बताया कि पैसे देने पर आपका काम मिनटों में हो जाएगा, लाइन में लगकर वेट करने की जरूरत नहीं है। जबकि दलाल राजेंद्र पाल उर्फ गुड्डू, रामसिंह और गुरविंदर सिंह बग्गा ने 500 रुपए लर्निंग व 1000 रुपए परमानेंट लाइसेंस के लिए मांगे। कुछ रिक्वेस्ट करने पर दलालों ने इसमें 100 से 200 रुपए छोडऩे की बात भी कही।

Direct भी मिल जाएगा

परिवहन आयुक्त ने दलालों पर अंकुश लगाने के लिए आवेदक से स्पीड पोस्ट या रजिस्ट्री के माध्यम से लर्निंग व परमानेंट लाइसेंस भेजने की प्रक्रिया स्टार्ट की है। मगर दलालों की पकड़ इतनी अधिक है कि आवेदक को डायरेक्ट हाथ में लर्निंग व परमानेंट लाइसेंस दे देते हैं। इतना ही नहीं इन दलालों की ओर से एक से दो दिन में लर्निंग बनवाकर देने की  बात कही जाती है। जबकि नियमत: लर्निंग जारी होने में एक वीक से ज्यादा का टाइम लगता है।

यहां लिफाफे भी बिकते हैं

रूल्स के अकॉर्डिंग न्यू लाइसेंस के लिए अप्लाई करते समय आवेदक को डॉक्यूमेंट के साथ दो टिकट लगे लिफाफे भी जमा करने होते हैं। ताकि लर्निंग व परमानेंट लाइसेंस आवेदक के एड्रेस पर पोस्ट किया जा सकें। पैसे कमाने के चक्कर में आवेदक से तीन लिफाफे जमा कराए जाते हैं। इन लिफाफों की बिक्री भी की जाती है। वो भी 25 रुपए के टिकट लगे लिफाफों की जगह 30 रुपए वसूल किए जाते हैं।

मगर आना होगा

हालांकि 20 फरवरी 2013 से स्मार्ट कार्ड के रूप में लाइसेंस जारी होने के बाद से दलालों कि सक्रियता एक जगह तो कम हुई है। आवेदक को कम्प्यूटर के सामने फोटो खिंचवाने के लिए आरटीओ आना ही होगा। इसलिए यहां दलालों की नहीं चलेगी। अगर फोटो खिंचवाने का सिस्टम नहीं रहता तो, वह भी आने की जरूरत नहीं रहती।

Rules के अनुसार

-2 फॉर्म 2-2 रुपए का।

-नाम, अड्रेस, आईडी व बर्थ सर्टिफिकेट।

-लर्निंग के समय टू व्हीलर 30, फोर व्हीलर 60 रुपए।

-स्मार्ट कार्ड लाइसेंस टू व्हीलर तक 250 और फोर व्हीलर तक 300 रुपए।

-लर्निंग व परमानेंट लाइसेंस के समय 2-2 फोटो।

-स्पीड पोस्ट या रजिस्ट्री के लिए दो टिकट लगे लिफाफे

-ड्राइविंग टेस्ट- 50 रुपए।

-लाइसेंस जारी करने पर- 40 रुपए।

दलालों के अकॉर्डिंग

-आईडी प्रूफ नहीं कोई बात नहीं।

-लर्निंग के लिए 500 रुपए।

-स्मार्ट लाइसेंस के लिए 1000 रुपए।

-तीन टिकट लगे लिफाफे।

-डायरेक्ट हाथ में लर्निंग व लाइसेंस।

-पैसे देने के बाद भाग दौड़ की जरूरत नहीं।

जेब गरम करो तो सब बनेगा

रिपोर्टर - न्यू लाइसेंस बनवाना है

दलाल - बन जाएगा

रिपोर्टर - कितने पैसे लगेंगे

दलाल - लर्निंग व लाइसेंस के 1500 रुपए सिर्फ लर्निंग के 500 रुपए

रिपोर्टर - कुछ ज्यादा नहीं मांग रहे

दलाल - पहले कागज तो लाइए डिस्काउंट वगैरह हो जाएगा

रिपोर्टर - डॉक्यूमेंट में क्या चाहिए

दलाल - दो फोटो, अड्रेस, बर्थ सर्टिफिकेट व आईडी

रिपोर्टर - मगर मेरे पास कोई आईडी नहीं है कुछ ज्यादा पैसा

दलाल - कुछ देर सोचने के बाद ठीक है पहले आप बाकी डॉक्यूमेंट लाइए।

रिपोर्टर - मुझे लर्निंग जल्दी चाहिए ट्रैफिक वाले बहुत परेशान करते है।

दलाल - ठीक है एक-दो दिन में आपको मिल जाएगा।

(दलालों से बातचीत की रिकॉर्डिंग आई नेक्स्ट के पास मौजूद है )

'इस संबंध में एडमिनिस्टे्रशन को कहा गया है। वैसे भी कोई ठोस सुबूत होने पर ही कार्रवाई की जा सकती है। आवेदक को भी चाहिए वह अपना लाइसेंस प्रक्रिया के तहत ही बनवाएं.'

वीके चौधरी, रीजनल इंस्पेक्टर, आरटीओ

Report By-Prashant Singh