आरटीओ ऑफिस में दलालों का ही बोलबाला

sanjeev.pandey@inext.co.in

LUCKNOW (13 May) :

यूं तो आरटीओ ऑफिस के तमाम काम ऑनलाइन होने का दावा परिवहन विभाग करता है पर हकीकत यह है कि आपको यहां अगर कोई काम कराना है तो पहले दलालों की लाइन से होकर गुजरना होगा. तमाम कवायदों के बाद भी आरटीओ ऑफिस से दलालों का वर्चस्व खत्म होने के बजाय दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है. बिना इनकी शरण लिए आरटीओ ऑफिस में कोई काम आसानी से करा पाना मुश्किल है. खास बात यह है कि इन दलालों से पीछा छुड़ाने के लिए परिवहन विभाग ने प्रदेश भर के आरटीओ ऑफिस में सभी कार्य ऑनलाइन तो कर दिए पर इससे दलालों को ही फायदा होने लगा. ऑनलाइन आवेदन की लंबी प्रक्रिया से बचने के लिए दलाल यहां आने वाले लोगों को अपने जाल में फंसाते है और उनसे दोगुनी रकम लेकर काम कराते है. आलम यह है कि यहां पर अलग-अलग कार्यो के लिए दलाल मोटी फीस वसूल रहे हैं. इसका खुलासा मंडे को दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के स्टिंग ऑपरेशन में हुआ. दलालों ने अपने रेट डिपार्टमेंटल फीस से डबल बताने के साथ हर हाल में मनचाहा डॉक्यूमेंट दिलाने की गारंटी भी ले डाली.

समय : 12.30 पीएम

जगह: आरटीओ ऑफिस, ट्रांसपोर्ट नगर

सरकारी फीस 500 होगी और मेरे 800 रुपए अलग से

जैसे ही दैनिक जागरण आई नेक्स्ट का रिपोर्टर ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने ट्रांसपोर्ट नगर स्थित आरटीओ ऑफिस कैंपस के बाहर पहुंचा तो उसको देखते ही वहां खड़े दलालों ने उसे घेर लिया. अपना नाम राहुल पंजाबी बताने वाले एक शख्स ने रिपोर्टर को उसके सामने अपने कामों की रेट लिस्ट खोल रख दी. उसने बताया कि लाइसेंस के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा और पहले लर्निग लाइसेंस बनेगा. इसके लिए फीस 500 रुपए और हमारी अपनी फीस 800 रुपए होगी. इसके बाद परमानेंट लाइसेंस के लिए 1500 रुपए फीस और 3000 रुपए अपनी फीस बताई. सौदा तय होने पर राहुल पंजाबी ने रिपोर्टर से ऑनलाइन आवेदन के लिए 500 रुपए लिए, वह भी बहुत मिन्नतें करने के बाद. जिसके बाद उसने संपर्क करने के लिए अपना मोबाइल नंबर 9889119016 दिया. इसके बाद वह दूसरे कस्टमर को डील करने लगा.

5000 हजार से कम में काम नहीं हो पाएगा

आरटीओ ऑफिस के अंदर घुसते ही पेड़ के नीचे दलालों का झुंड था. यहां पर रिपोर्टर ने जब दलाल से बात करनी चाही तभी एक दलाल खुद ही सामने आया और बोला कोई काम हो तो बताओ. इस पर रिपोर्टर ने ड्राइविंग लाइसेंस के बारे में बात की. अपना नाम अभिषेक दीक्षित बता रहे इस दलाल ने डीएल के आवेदन के और परमानेंट लाइसेंस के लिए 2600 और 5000 रुपए अपनी फीस बताई. जब रिपोर्टर ने दलाल से उसकी फीस कम करने को कहा तो उसने इंकार कर दिया और कहा किसी अन्य काम करा लो. वह वहां से चलता बना.

गाड़ी चलाकर नहीं दिख्ाना होगा

इसके बाद आरटीओ ऑफिस में रिपोर्टर और अंदर की तरफ बढ़ा ही था कि सामने से आ रहे एक दलाल ने पूछा कि क्या काम है. इस पर रिपोर्टर ने बताया कि एक गाड़ी की आरसी खो गई और एक लाइसेंस बनना है. इस बार आरसी की अप्लीकेशन देखकर उसने कहा कि इसके लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा और गाड़ी मालिक को बुलाना होगा. लाइसेंस के लिए बात होने पर उसने रिपोर्टर से आधार कार्ड और पैन कार्ड की फोटो स्टेट कॉपी मांगी. लर्निग लाइसेंस के लिए उसने 600 रुपए फीस और अपनी फीस 1300 रुपए बताई. इस पर रिपोर्टर ने 600 रुपए दिए और आवेदन करने को कहा. इसके बाद दलाल ने अपना नाम गुड्डू सिंह बताया और अपना मोबाइल नंबर 9838943601 बताया. उसने कहा कि जब लर्निग आवेदन के लिए फोटो और सिग्नेचर कराने आना होगा तब लर्निग की उसकी फीस 1300 रुपए लेते आना. साथ ही परमानेंट लाइसेंस के आवेदन के लिए फीस के 1500 रुपए और उसकी फीस के 5000 रुपए देने होंगे. इस फीस को देने पर रिपोर्टर को कार चला कर नहीं दिखाने का आश्वासन भी ि1दया गया.

कोट

यहां पर आने वाली पब्लिक खुद ही दलालों का सहारा लेती है. जब उन्हें समझाया जाता है कि ऑनलाइन आवेदन कर यहां आए, फिर भी वह यहां आकर ही आवेदन की कोशिश करते है. विकल्प ना मिलने पर दलालों के पास पहुंच जाते हैं. यहां पर ऑनलाइन आवेदन करने के तरीके, सभी कार्यो की निर्धारित फीस के बोर्ड लगे हुए हैं. जरा सी भी परेशानी से बचने के लिए आवेदक दलालों की शरण में पहुंच जाते हैं.

- राघवेंद्र सिंह, एआरटीओ प्रशासन,

आरटीओ ऑफिस

पकड़ा गया एक दलाल

एआरटीओ प्रशासन राघवेंद्र सिंह ने बताया कि यहां पर रोड पर लगी दलालों की मेज कुर्सी हटाए जाने के लिए नगर निगम को लिखा गया है. वे रोड से अतिक्रमण खत्म करवाए. साथ ही यहां पर लगातार दलालों को पकड़ने की कार्रवाई चलती है. आज भी एक दलाल को पकड़ कर पुलिस के सुपुर्द किया गया है.