-इमारत बनाने से पहले अब रेन वाटर हार्वेस्टिंग का प्रमाण पत्र आवश्यक

LUCKNOW: जल संरक्षण को लेकर सरकारी महकमे जब जागो, तब सवेरा की तर्ज पर काम कर रहे हैं। शहर की हजारों पुरानी इमारतों में भले ही रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्लांट ना लगे हों। लेकिन, अब नई इमारतों की बुनियाद तभी पड़ रही है, जब जल संरक्षण के लिए बने नियम और मानक पूरे हों। पिछले कुछ सालों में बिल्डर्स भी इसे लेकर जागरूकता दिखा रहे हैं। नई बिल्डिंग में प्लांट को आवश्यक कर दिया गया। बिना प्लांट के सर्टिफिकेट नहीं मिलता है। और, इमारत बनाने के लिए यह सार्टिफिकेट आवश्यक है।

बिल्डर्स पर लागू किया गया नियम

बड़े बिल्डर्स के लिए बिल्डिंग बाइलाज में रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्लांट नियम के दायरे में है। हालांकि, अभी केवल बिल्डर्स पर यह नियम लागू किया गया है, कांट्रेक्टर्स के लिए नियम नहीं है। जल संचयन के लिए शहर के बिल्डर्स भी गंभीर हैं। ज्यादातर बिल्डर्स का कहना है कि नियम बना दिये हैं, लेकिन अगर इसे अप्रूवल की श्रेणी में ले आया जाए तो शायद हर नई बिल्डिंग में ये प्लांट मौजूद होगा।

हर प्रोजेक्ट में है प्लांट

लखनऊ विकास प्राधिकरण ने जितने भी प्रोजेक्ट बनाए हैं या फिर बनाए जा रहे हैं, सब में रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्लांट बनाया गया है। एलडीए की तरफ से रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्लांट लगाना आवश्यक कर दिया गया है। यह नियम सभी बड़े बिल्डर्स के लिए लागू कर दिया गया।

विजय प्रताप सिंह, कांट्रेक्टर एलडीए

'अप्रूवल की बाध्यता हो तो अच्छा'

रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्लांट लगाना कंपनी टू कंपनी डिपेंड करता है। हम अपने सारे प्रोजेक्ट में रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्लांट बनाते हैं। आने वाले समय में जल संचयन करना बहुत जरूरी है। मेरा मानन है कि प्लांट को अप्रूव्ल की श्रेणी में लाना चाहिए ताकि प्लांट बनना लगाना आवश्यक होगा।

अंकित गर्ग, बिल्डर आरई ओमेक्स

'मौके पर जाकर होता है निरीक्षण'

हर बिल्डर्स को साइट पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्लांट लगाना जरूरी है। यह बिल्डिंग बाइलाज में नियम भी है और बिना प्लांट के एलडीए सार्टिफिकेट नहीं देता है। इसके लिए डिपार्टमेंट का इंजीनियरिंग सेक्शन साइट पर जाकर विजिट भी करता है।

आरएन रेड्डी, चीफ टाउन प्लानर, एलडीए