जस्टिस शिवाजी पाण्डेय की बेंच का आदेश

दूसरी बार बेल पिटिशन पर मंगलवार को बहस हुई। जस्टिस बीएन सिन्हा और जस्टिस शिवाजी पाण्डेय की बेंच ने रूपम को जमानत का आदेश दिया। रूपम के एडवोकेट दिनेश कुमार ने बताया कि कोर्ट ने रूपम को अपराधी नहीं माना, साथ ही कोर्ट का यह भी कहना था कि महिला है और उसके भी बच्चे हैं ऐसे में उसका बाहर रहना समाज के लिए खतरा नहीं है। वैसे रूपम पाठक को इस मामले में उम्रकैद की सजा हो चुकी है। एडवोकेट दिनेश कुमार का कहना है कि जेल से रिहा होने में कुछ दिन लग सकता है। रूपम फिलहाल भागलपुर जेल में है।

सीबीआई पर भी सवाल

कोर्ट ने सीबीआई की जांच को लेकर भी सवाल खड़े किये हैं। रूपम के वकील ने बताया कि पहले तो गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया लेकिन बाद में उसे बदल दिया। यह सब किसी दबाव में ही हुआ। इसपर कोर्ट ने सीबीआई के इंवेस्टिगेशन पर सवालिया निशान लगाया है।

ऐसे था पूरा मामला

4 जनवरी 2011 : पूर्णिया के बीजेपी एमएलए राजकिशोर केसरी को रूपम ने मारा चाकू।

7 जनवरी : सरकार ने सीबीआई जांच की अनुशंसा की।

2 अप्रैल : सीबीआई ने चार्जशीट फाइल की, जिसमें आईपीसी की धारा 304 के तहत आरोप लगाए गए, ट्रायल शुरू।

10 अगस्त 11 : राजकिशोर केसरी के भतीजे ने याचिका दायर की कि 304 को 302 में बदल दिया जाए जिसे कोर्ट ने मान लिया।

30 मार्च 2012 : सीबीआई कोर्ट ने रूपम पाठक को दोषी करार दिया।

10 अप्रैल : सीबीआई कोर्ट ने रूपम के लिए उम्रकैद की सजा मुकर्रर की।

16 अप्रैल : रूपम के वकील ने सीबीआई कोर्ट के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में रिट फाइल की।

14 मई : कोर्ट ने रूपम की बेल याचिका रिजेक्ट की।

17 दिसम्बर : दुबारा हाईकोर्ट में रूपम के बेल के लिए याचिका दायर।

8 जनवरी : हाई कोर्ट की डबल बेंच ने रूपम को जमानत दे दी।

रूपम रेप केस का भी ट्रायल

रूपम पाठक ने तत्कालीन एमएलए राजकिशोर केसरी और उनके सेक्रेटरी विपिन राय पर पहले से ही रेप केस कर दिया था। हालांकि उन्हें इस मामले में क्लीन चिट दे दी गई थी लेकिन बाद में प्रोटेस्ट फाइल किया अब इस मामले का फास्ट ट्रैक कोर्ट 1 पूर्णिया में ट्रायल चल रहा है। फिलहाल इस मामले में विपिन राय बेल पर है।