सेंट पीट्सबर्ग के म्यूज़ियम ऑफ़ पॉवर के निदेशक के मुताबिक इस चित्र को बनाने वाले चित्रकार कोंस्टांटिन अलतुनिन फ़्रांस में शरण पाने के लिए देश छोड़कर भाग गए हैं.

समलैंगिकता का विरोध

इसके अलावा गैलरी से दो अन्य चित्रों को हटा दिया गया. इनमें रूढ़िवादी रूसी नेताओं को समलैंगिकता विरोधी विवादास्पद क़ानून लागू करने के लिए अभियान का नेतृत्व करते दिखाया गया था.

गैलरी के मालिक अलेक्जेंडर डॉनोस्की ने दावा किया कि चित्रों को हटाने के लिए उन्हें कोई औपचारिक नोटिस या स्पष्टीकरण नहीं दिया गया. ये चित्र अलतुनिन के 'रूलर्स' नाम की प्रदर्शनी में शामिल थे.

"चित्रों को हटाने के लिए उन्हें कोई औपचारिक नोटिस या स्पष्टीकरण नहीं दिया गया. ये चित्र अलतुनिन के 'रूलर्स' नाम की प्रदर्शनी में शामिल थे."

-अलेक्जेंडर डॉनोस्की, गैलरी के मालिक

गैलरी की निदेशक तातियाना टिटोवा ने कहा कि चित्रों के ज़ब्तीकरण की कार्रवाई देखकर अलतुनिन देश छोड़कर चले गए.

ज़ब्त किए गए एक चित्र में राष्ट्रपति पुतिन को नाइटगाउन पहने क्लिक करें मेदवेदेव के पीछे खड़े हुए और उनके बालों में कंघी करते हुए दिखाया गया है, जबकि प्रधानमंत्री को महिला के शरीर और अधोवस्त्र पहने हुए चित्रित किया गया है.

एक दूसरे चित्र में सेंट पीटर्सबर्ग विधानसभा के सदस्य और रूस के समलैंगिकता विरोधी क़ानून के निर्माताओं में से एक विताली मिलानोव को इंद्रधनुष के खिलाफ खड़ा दिखाया गया है. इंद्रधनुष को समलैंगिकता का प्रतीक माना जाता है.

चौथी पेंटिंग में रूस के ऑर्थोडॉक्स चर्च के प्रमुख को टैटू से सज़ा हुआ चित्रित किया गया है, अधिकारियों ने इस चित्र को भी ज़ब्त कर लिया है.

सेंट पीटर्सबर्ग में अगले हफ़्ते जी-20 के सम्मेलन की मेजबानी करने वाला है. वह समलैंगिक दुष्प्रचार के खिलाफ़ क़ानून लागू करने वाला रूस का पहला शहर है.

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